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 नफरत की राजनीति और पूर्वांचल के पिछड़ेपन के खिलाफ चलेगा जन संवाद अभियान

गोरखपुर। जिला अधिवक्ता सभागार, गोरखपुर में 18 मार्च को आयोजित ‘पूर्वांचल जन संवाद’ अभियान समिति की बैठक में शामिल समान विचारधारा वाले विभिन्न राजनीतिक-सामाजिक-कर्मचारी-शिक्षक-छात्र-युवा संगठनों के प्रतिनिधियों ने पांच घंटे तक गंभीर विचार विमर्श के बाद तय किया कि  नफरत की राजनीति तथा पूर्वांचल के पिछड़ेपन के खिलाफ पूर्वी उत्तर प्रदेश में व्यापक जन संवाद अभियान शुरू किया जाएगा।

बैठक में कहा गया कि मुल्क के लिए इस सबसे कठिन दौर में जब सत्ता में शामिल लोग अपनी सत्ता महफूज रखने के लिए अपने कार्य व्यवहार, आचरण, नीतियों से देश-समाज को बांटने के बेहद खतरनाक खेल में मुब्तिला हैं तब हमें एक जागरूक नागरिक और सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता का फर्ज निभाने के लिए आगे आना ही होगा। किसानों, छोटे दुकानदारों, मजदूरों, छात्रों, नौजवानों, महिलाओं समेत समाज के सभी वर्गों के बीच जाकर उन्हें सच से रुबरु कराने की जिम्मेदारी उठानी ही होगी।

बैठक में तय हुआ कि आरएसएस-भाजपा की साम्प्रदायिक व नफरत की राजनीति और पूर्वांचल के तथाकथित विकास के झूठ का डंका पीटने के सरकारी अभियान के खिलाफ जनता के बीच प्रभावी ढंग से साझा जन-संवाद अभियान चलाया जाएगा। जन संवाद के लिए अनवरत रूप से चलने वाली अनेक छोटी बड़ी पदयात्राएं, साइकिल यात्रा, जन-चौपाल, बैठक, सेमिनार के आयोजनों का एक व्यापक कार्यक्रम जल्दी ही तैयार किया जाएगा। यह भी तय हुआ कि जन संवाद अभियान को आरंभ में गोरखपुर बस्ती मंडल के ज़िलों से शुरू कर, फिर आस पास के जिलों में भी विस्तार दिया जाएगा।

बैठक को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित करते हुए सामाजिक-राजनीतिक विचारक प्रोफेसर चितरंजन मिश्र ने कहा कि मुल्क के लिए यह सबसे कठिन दौर है। सत्ता में शामिल लोग अपनी सत्ता महफूज रखने के लिए अपने कार्य व्यवहार, आचरण, नीतियों से देश-समाज को बांटने की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे कठिन वक्त में हमें एक जागरूक नागरिक और सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता का फर्ज निभाने के लिए आगे आना ही होगा। हमें किसानों, छोटे दुकानदारों, मजदूरों, छात्रों, नौजवानों समेत समाज के सभी वर्गों के बीच छोटी बड़ी बैठकें, पदयात्राएं, सेमिनार, गोष्ठियां कर संवाद स्थापित करने की जिम्मेदारी उठानी होगी।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष विश्वविजय सिंह ने कहा कि इस सरकार ने पूर्वी उत्तर प्रदेश को बर्बादी की राह पर लाकर खड़ा कर दिया है। गोरखपुर-बस्ती मंडल जिसे चीनी का कटोरा कहा जाता था, अब वह कटोरा खाली है। दोनो मंडलों की 28 में से 16 चीनी मिले बंद है। खाद कारखाना को सिर्फ पैकिंग सेंटर बना दिया गया है और गन्ना शोध संस्थान को उजाड़ दिया गया है। मगहर की सूती मिल और देश के सबसे बड़े गांधी आश्रमों में से एक मगहर का ही गांधी आश्रम बंद हो चुका है। लाखों लोगों को रोजगार देने वाले बुनकरी व्यवसाय को पूरी तरह बर्बाद कर दिया गया है। बंद चीनी मिलों, सूती मिल, गांधी आश्रम की जमीनों को पूंजीपतियों के हवाले किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि आजादी के बाद शिक्षा-स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो सार्वजनिक संस्थाएं खड़ी की गई उन्हें कमजोर और नष्ट किया जा रहा है और उनके स्थान पर निजी संस्थाएं खड़ी कर गरीब जनता का खून चूसने का इंतजाम किया जा रहा है।

श्री सिंह ने कहा कि बीजेपी सरकार के झूठ की पोल जनता के बीच खोलने के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में जन संवाद का व्यापक साझा कार्यक्रम चलाया जाएगा। इसके लिए सभी जिलों, तहसीलों में जल्दी ही समान विचारधारा वाले राजनीतिक – सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर प्रभावी व कारगर कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जाएगा।

वरिष्ठ पत्रकार जगदीश लाल श्रीवास्तव, कमलेश तिवारी और राघवेंद्र दूबे ‘भाऊ’ ने कहा कि यह पहली बार हो रहा है कि पूर्वांचल के प्राकृतिक संसाधन और जमीन पूंजीपतियों के हाथों में दिए जाने की योजना तैयार हुई है। लूट की इस योजना को अंजाम दिए जाने के लिए इसी इलाके के टूंटपूजियों को ‘ अडानी-अंबानी ’ बनाया जा रहा है। फोर-सिक्स लेन, बाईपास, नया शहर विकसित करने और औद्योगिकीकरण के नाम पर किसानों की जमीन औने-पौने दाम पर लेकर उसे पूंजीपतियों को सौंपने का काम शुरू हुआ है। इस सच से जनता को रुबरु कराना ही होगा।

डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रामाश्रय तिवारी, वशिष्ठ सोशलिस्ट विचारक फतेह बहादुर सिंह ने कहा कि देश को बर्बादी से बचाने के लिए, आरएसएस-बीजेपी के संगठित प्रोपेगंडा अभियान का सच जनता के बीच रखने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है। इसके लिए हम सभी जनता के बीच चलेंगे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता अधिवक्ता एसोशिएशन के पूर्व अध्यक्ष रामाश्रय तिवारी व संचालन कांग्रेस नेता व जन संवाद अभियान समिति के आलोक शुक्ल ने किया।

‘जन – संवाद’ में वरिष्ठ पत्रकार प्रोफेसर एसपी त्रिपाठी, महाविद्यालयी शिक्षक संघ के पूर्व महामंत्री प्रोफेसर धीरेंद्र सिंह, विश्वविद्यालयी कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष बृजभूषण मिश्रा,  रामेश्वर पांडेय, सुधाकर त्रिपाठी, रोडवेज कर्मचारी संघ के महामंत्री  दिनेश मणि, पटरी व्यवसायी पार्टी के अध्यक्ष श्री सुधीर झा, विद्यालय प्रबन्धक संघ के अध्यक्ष  बाबूराम पाण्डेय, देवरिया के किसान नेता  शिवाजी राय, राष्ट्रीय समानता दल के प्रदेश अध्यक्ष संजय दीप कुशवाहा, महराजगंज के  अमित गुरु, शिक्षक नेता जयप्रकाश नायक, भाकपा माले नेता राजेश साहनी, गोरखपुर विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ भानु प्रताप सिंह, पूर्व महामंत्री राजेश तिवारी, वरिष्ठ कांग्रेस नेता नवीन सिन्हा, पूर्व प्रधानाचार्य गोरख लाल श्रीवास्तव, विवेक श्रीवास्तव, विनोद जोसेफ, जय नारायण शुक्ल, जदयू नेता गौतम लाल, ओमेंद्र पांडेय, अशरफ आलम, राकेश यादव, सूरज यादव, ग्राम प्रधान चंद्र भूषण पांडेय, राजीव पांडेय,
कालंजय तिवारी, शैलेन्द्र पांडेय, प्रभात चतुर्वेदी, मनोज मिश्रा, बादल चतुर्वेदी, अभिषेक पांडेय एडवोकेट, कमल श्रीवास्तव एडवोकेट,
विंदेश्वरी प्रसाद समेत बड़ी संख्या में विभिन्न राजनीतिक-सामाजिक-कर्मचारी-शिक्षक-छात्र-युवा संगठनों के दो सौ से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

बैठक का संचालन एक्टिविस्ट -पत्रकार आलोक शुक्ल ने किया।