पटना। बिहार संग्रहालय, साखी और प्रेमचंद साहित्य संस्थान द्वारा 22-23 मार्च को पटना के बिहार संग्रहालय में ” बुद्ध की धरती पर कविता-6″ का आयोजन किया गया है।
आयोजन के पहले दिन ” बुद्ध, कविता और सौंदर्य दृष्टि ” पर संवाद स्तर का आयोजन किया गया है। इस सत्र की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि अरुण कमल करेंगे। संयोजकीय वक्तव्य प्रेमचंद साहित्य संस्थान के निदेशक सदानंद शाही देंगे जबकि सत्र में प्रो. अवधेश प्रधान, गगन गिल, प्रो. गोपेश्वर सिंह, चंद्र भूषण वक्तव्य देंगे, संचालन कुमार वरुण करेंगे।
दूसरे दिन सुबह नौ बजे कुम्हरार भ्रमण, 11 बजे बिहार संग्रहालय भ्रमण व बौद्ध कला अवलोकन का कार्यक्रम है। शाम सात बजे बुद्ध-केंद्रित कविता-पाठ का कार्यक्रम है जिसमें -गगन गिल, अरुण कमल, आलोक धन्वा, विनय कुमार, प्रेम रंजन अनिमेष, राजेंद्र राजन, मुसाफिर बैठा, अनुज लुगुन, ज्योति रीता, चंद्रबिंद सिंह, अंचित, विहाग वैभव, चाहत अन्वी, अंशुप्रिया कविता पाठ करेंगे। सत्र संयोजन कवि विहाग वैभव करेंगे।
साखी के संपादक एवं प्रेमचंद साहित्य संस्थान के निदेशक प्रो सदानंद शाही ने बताया कि “अप्प दीपो भव ” का संदेश देने वाले गौतम बुद्ध दुनिया के महान शिक्षक हैं। प्राचीन भारत में उनके धम्म ने एक हजार वर्षों तक सामाजिक बदलाव, साहित्य, कला और संस्कृति में नवजागरण लाया। आधुनिक भारत का नवजागरण भी बुद्ध से प्रेरित है। आज युद्ध और संघर्षों से घिरी मानव सभ्यता के लिए बुद्ध शांति, ज्ञान और प्रेम का जवाब हैं।
बुद्ध की शिक्षा “चरथ भिक्खवे चारिकं” को अपनाते हुए हम पांच वर्षों से “बुद्ध की धरती पर कविता” यात्रा कर रहे हैं। कुशीनगर (2019), लुंबिनी (2020), बोधगया (2022), सारनाथ (2023) और पुनः कुशीनगर (2023) के बाद पिछले साल 15-24 अक्टूबर 2024 को विश्व शांति के लिए दस दिवसीय बौद्ध परिपथ यात्रा हुई, जिसमें कवि, लेखक, कलाकार और विद्वान शामिल थे। इस यात्रा ने बुद्ध की वाणी और स्थानों की पारस्परिकता को उजागर किया।