गोरखपुर। गोरखपुर विश्वविद्यालय में उर्दू विभाग के अध्यक्ष रहे प्रोफ़ेसर महमूद इलाही की याद में यासमीन शरीफ वेलफेयर सोसाइटी व उर्दू अकादमी उप्र के संयुक्त तत्वावधान में 27 अप्रैल को सुबह 11 बजे से एमएसआई इंटर कॉलेज, बक्शीपुर के सभागार में संगोष्ठी व मुशायरा का आयोजन किया गया।
प्रोग्राम की शुरुआत में हाफिज नसीरुद्दीन ने कलाम ए पाक से हुई। आरंभिक सम्बोधन कॉलेज के मैनेजर महबूब सईद हरिस ने इलाही साहब से अपने पारिवारिक रिश्तो की बातें बताई। सोसाइटी के सचिव डॉ अशफ़ाक़ अहमद उमर ने प्रोग्राम का मक़सद बताया साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के पूर्व चेयरमैन चौधरी कैफुल वरा अंसारी और मौजूदा सचिव शौक़त अली का धन्यवाद ज्ञापित किया।
प्रोग्राम की अध्यक्षता कर रहे प्रोफेसर चितरंजन मिश्र ने कहा की जो काम उर्दू विभाग को करना चाहिए वो काम डॉ अशफ़ाक़ और उनकी सोसाइटी कर रही है। अपनी तहज़ीब और बुज़ुर्गों को नहीं भूलना चाहिए।
मुख्य अतिथि गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने कहा की प्रोफेसर महमूद इलाही का गोरखपुर विश्विद्यालय से गहरा नाता रहा है। इस आयोजन को मै हीरक जयंती का एक हिस्सा समझती हूँ। उर्दू मोहब्बत की ज़बान है जिसे हमें सीखना और पढ़ना चाहिए। मेरा रिश्ता लखनऊ से है। उर्दू विभाग में भी इस तरह का प्रोग्राम किया जायेगा और इलाही साहब के चाहने वालों को बुलाया जायेगा।
लखनऊ से आईं डॉ नुज़हत फातिमा , प्रो. अज़रा बानो , प्रो. बुशरा बानो ने भी अपने ख़यालात का इज़हार किया।
कार्यक्रम में पैग़ाम-ए-इंसानियत पुरस्कार डॉ. शमीम अंसारी को दिया गया।
मुख्य व्याख्यान में प्रोफेसर अब्बास रज़ा नय्यर ने कहा की महमूद इलाही की शख्सियत उर्दू अदब के लिए गुले सर सब्द है। महमूद इलाही का क़सीदे पर गैर मामूली काम आज यूनिवर्सिटी के नेसब का एक अहम हिस्सा है जिस के बगैर कोई भी पाठ्यकर्म मुकम्मल नहीं किया जा सकता। उन्होंने उर्दू अकादेमी के चेयरमैन रहते हुए उर्दू साहित्य पर जो किताबें तैयार करवाई है वो आज भी उर्दू अदब के पाठको के लिए बहुत रोचक है।
प्रो. महमूद इलाही पर मसूद अख्तर अंसारी, डॉ दरख्शां ताजवर ने विशेष गुफ्तगू की । इसके बाद काव्य गोष्ठी और मुशायरा हुआ जिसमें डॉ. कलीम क़ैसर , बिस्मिल नूरी, नदीमुल्लाह अब्बासी, सिद्दीक़ मजाज़, समीर फ़ैज़ाबादी, दीदार बस्तवी, नुसरत अतीक, वसीम मज़हर, फ़ुरक़ान फरहत अपना कलाम पेश किया।
प्रोग्राम में मुख्य रूप से डॉ महबूब हसन , प्रो बदरे आलम अंसारी ,हाफिज इनामुल्लाह, मोहम्मद अलीम,डॉ ओबैदुल्लाह चौधरी, डॉ मोहम्मद अशरफ ,क़ाज़ी कलिमुल हक़, प्रवीण श्रीवास्तव ,सरदार जशपाल सिंह ,हाफिज इसमतुल्लाह , डॉ रुश्दा , डॉ सलमा,डॉ ज़ेबा , नसरीन बनो, शकील अहमद , रफीउद्दीन मालिक, परवेज़ खान , हाफिज असद , डॉ मोहम्मद अशरफ, हाफिज़ूल हसन, शकील अहमद ,मिस्बाहुद्दीन , साहब आलम, अल्मास, अनवर जमाल , ओबैदुल्लाह , नेहाल अंसारी, अफ़ज़ल अंसारी , शारिक अंसारी , सय्यद इफ्राहीम , डॉ ताहिर अली, उस्मान गनी , मसरुर जमाल, मोहम्मद कामिल खान, अनवर ज़िआ आदि उपस्थित रहे