सरकार की नीतियों के कारण बुंदेलखंड में किसान-मजदूर आत्महत्या को मजबूर : अजय कुमार लल्लू

झांसी/लखनऊ। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने बुंदेलखंड दौरे के दौरान झांसी और ललितपुर जिले में आर्थिक तंगी की वजह से आत्महत्या कर रहे किसानों और मजदूरों के परिजनों से मुलाकात की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि पूरे बुंदेलखंड को सरकार ने किसानों की कब्रगाह में तब्दील कर दिया है। सरकार की किसान विरोधी नीतियों के चलते किसान आत्महत्या को मजबूर है। गरीब विरोधी नीतियों के कारण मजदूर आत्महत्या करने को विवश हैं।

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि बुंदेलखंड में बेमौसम बारिश से मूंग, उड़द, मूंगफली की फसलें बर्बाद हो गई। किसानों को एक पाई की भी मुआवजा राशि मयस्सर नहीं हुई। पीड़ित किसानों ने उन्हें बताया कि प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत किसानों को एक पैसा की बीमा राशि का भुगतान नहीं हुआ है। गलत नीतियों के कारण अन्ना जानवरों का प्रकोप बहुत तेजी से फैला है। किसान दिन-रात, दोपहरी, चौकीदारी करने को मजबूर हैं।

उन्होंने कहा कि कई पीड़ित किसानों ने उन्हें बताया कि बुंदेलखंड में निजी नलकूप लगाने पर सरकार द्वारा 63 हजार रुपए अनुदान देने का प्रावधान था। लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी एक भी किसान को फूटी कौड़ी नहीं मिली है।

श्री लल्लू ने कहा कि चिरगांव ब्लॉक के बेरबई ग्राम के किसान प्रेम नारायण रैकवार ने कर्ज के कारण मौत को गले लगा लिया। पीड़ित परिजनों का कहना कि प्रेमनारायण लाकडाउन में फरीदाबाद से पैदल गांव आये थे। उनके चार भाई हैं, पूरा परिवार मजदूरी पर आश्रित है। डेढ़ बीघा खेती है, उड़द की खेती थी। सूखे -ओलावृष्टि से फसल बर्बाद हो गई। उन्होंने अपनी बेटी की शादी में  2 लाख साहूकार से और 50 हजार बैंक से कर्ज लिया था। साहूकार व बैंक से कर्ज चुकाने का चौतरफा दबाव था।  पीड़ित ने तहसील से लेकर जिलाधिकारी से भी गुहार लगाई लेकिन किसी ने सुधि नहीं ली मजबूरन रैकवार ने मौत को चुना। परिजनों का यह भी कहना है कि सरकार की तरफ से अब तक न कोई मुआवजा मिला और न ही किसी तरह की और आर्थिक मदद मिली।

 

उन्होंने दूसरी दुःखद आत्महत्या का जिक्र करते हुए बताया कि जनपद झांसी के गुरसराय ब्लॉक के ग्राम शहपुरा खुर्द के किसान लोकेंद्र सिंह कर्ज के बोझ व सरकारी मशीनरी के दबाव के कारण बेबस हो गए थे। परिजनों का कहना है कि उनके ट्रैक्टर से एक दुर्घटना हुई थी जिसके एवज में कोर्ट ने 5 लाख दंड दिया। खेत बेचकर आधा रुपया चुकता किया था। बैंक में 50 हजार का कर्ज था, फसल बर्बाद हो चली थी। सरकारी बाबू हर रोज तंग करता था, मानसिक दबाव में थे। अंत में उन्होंने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने जारी बयान में बताया कि जनपद झांसी के मऊरानी तहसील के छोटी सुजारी ग्राम सभा के राघवेंद्र सिंह लोधी ने फसल बर्बादी, साहूकारों के कर्ज व आर्थिक तंगी के कारण आत्महत्या कर जीवन लीला समाप्त कर ली। वे तीन भाई थे, छह बच्चों के पिता के साथ वे कुल तीन भाई थे, दो बीघे की खेती थी। परिजनों का कहना है कि उनके मरने के बाद सरकारी अमला आया तो, लेकिन किसी तरह की कोई मदद न उस वक्त मिली न अब तक सरकार की तरफ से कुछ मिला।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह है भाजपा सरकार की हकीकत है। देश का अन्नदाता आत्महत्या कर रहा है और प्रधानमंत्री मोर के साथ वीडियो शूट करवा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी टीम 11 की फर्जी बैठकों से फुर्सत तक नहीं है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू जी ललितपुर के ग्राम जाखलौन गये जहां विगत दिनों फसल के पूरी तरह बर्बाद हो जाने पर किसान हरदयाल कुशवाहा को बर्बाद फसल देखकर हार्ट अटैक पड़ा और मृत्यु हो गयी। हर दयाल कुशवाहा ने साहूकार से दो लाख रूपये कर्ज लिया था। फसल की बर्बादी से कर्ज को चुकता न कर सकने की गहरी चिंता से उन्हें हार्ट अटैक पड़ा और जान चली गयी। इसी ग्राम के टुन्डे प्रजापति ने 3 लाख रूपये केसीसी से लोन लिया था फसल बर्बादी से कुएं में कूदकर जान दे दी।

जनपद ललितपुर के तहसील पाली के ग्राम बन्ठ के छोटे लाल ने उड़द की फसल बर्बाद होने पर साहूकारों द्वारा 3 लाख रूपये कर्ज वापस लेने का दबाव बनाने पर उन्होने आत्महत्या कर ली। ग्राम बमवरीसर तहसील तालबेहट के भग्गू राजभर ने केसीसी का डेढ़ लाख रूपये कर्ज के चलते फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। ग्राम व पोस्ट पाली तहसील पाली के जगमोहन माती उर्फ जंगली माती ने 17 जुलाई को मूंगफली, उड़द की फसल बर्बादी और डेढ़ लाख रूपये कर्ज के चलते आत्महत्या कर ली। ग्राम सतरहवा तहसील ललितपुर के मोहन पुत्र रामदीन ने बैंक के कर्ज की अदायगी के लिए दबंगों द्वारा धमकी दिये जाने से पीड़ित होकर मौत को गले लगा लिया। इसी प्रकार ग्राम पटऊआ तहसील पाली के करतार सिंह ने अपनी बेटी की शादी के लिए बैंक से 7 लाख का कर्ज लिया था साहूकारों से 3 लाख का कर्ज लिया था जिसको लेकर काफी परेशान थे कर्ज वापसी न कर पाने की स्थिति में आत्महत्या का प्रयास किया। इसी प्रकार भग्गू पुत्र चन्दन ग्राम बमवरीसर के ही कर्ज के चलते फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू ने बताया कि किसान लगातार कर्ज और फसल की बर्बादी से अपनी जान गंवा रहे हैं और सरकार की तरफ से कोई भी सरकारी सहायता नहीं दी जा रही है न ही मौके पर कोई सरकारी अधिकारी मौके पर पहुंच रहे हैं। पानी की विकराल समस्या है। उन्होने कहा कि कई पीड़ितों ने उन्हें बताया कि बुन्देलखण्ड में निजी नलकूप लगाने पर सरकार 63 हजार का अनुदान देती थी लेकिन बीते एक वर्ष से किसानों को एक फूटी कौड़ी भी नहीं मिला है।

प्रदेश अध्यक्ष के साथ दौरे पर साथ रहे श्री प्रदीप जैन आदित्य ने कहा कि कांग्रेस की सरकार में पूरे बुंदेलखंड के लिए श्री राहुल गांधी जी की पहल पर बुंदेलखंड पैकेज दिया गया। जगह-जगह मंडियां बनीं। फसलों की खरीद शुरू हुई। पानी के लिए कई तरह की योजनाओं की पहल हुई लेकिन आज पूरा बुंदेलखंड पलायन और पानी की मार से आंसू बहा रहा है। किसान आत्महत्या को मजबूर है। पलायन के कारण गांव के गांव खाली हो चुके हैं।

किसान कांग्रेस अध्यक्ष श्री शिवनारायण परिहार ने कहा कि बुंदेलखंड में आये दिन किसान आत्महत्या कर रहा है। बेमौसम बारिश, गलत सरकारी नीतियों और कर्ज की मार खाकर किसान आत्महत्या को मजबूर है। कोरोना के बाद बाहर कमाने गए लोग भी वापस आ गए हैं।  इससे किसानों पर और भार बढ़ गया है। दौरे में प्रदेश महासचिव श्री राहुल रॉय, प्रदेश सचिव श्री राहुल रिछारिया, जिला अध्यक्ष श्री भगवानदास कोरी समेत दर्जनों नेता उपस्थित थे।