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बीआरडी मेडिकल कालेज में दस दिन में इंसेफेलाइटिस से प्रभावित 40 बच्चे भर्ती हुए, तीन की मौत

गोरखपुर। गोरखुपर और आस-पास के जिलों में इंसेफेलाइटिस का बढ़ता ग्राफ शासन-प्रशासन के इंसेफेलाइटिस पर काबू के दावों को झूठला रहा है। बीआरडी मेडिकल कालेज में दस दिन में एईएस के 40 नए केस रिपोर्ट हुए हैं। इस दौरान तीन बच्चों की इंसेफेलाइटिस से मौत हो गई।

शासन-प्रशासन की ओर से लगातार दावे किए जाते रहे हैं कि पूर्वांचल में इंसेफेलाइटिस को खत्म कर दिया गया है। इन दावों पर पहले भी प्रश्न चिन्ह लगते रहे हैं। यह सवाल भी मजबूती से उठा था कि आंकड़ों में फेरबदल कर इंसेफेलाइटिस को खत्म होना बताया जा रहा है लेकिन इस वर्ष के सरकारी आंकड़े ही सरकार के दावों की पोल खोल रहे हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीआरडी मेडिकल कालेज में इस वर्ष जेई/एईएस से बीमार 370 बच्चे भर्ती हुए जिनमें से 29 की मौत हो गई। एईएस से प्रभावित पांच वयस्क भी इस अवधि में बीआरडी मेडिकल कालेज में भर्ती हुए जिनमें एक की मौत हो गई।

बीआरडी मेडिकल कालेज में अगस्त और सितम्बर महीने में एईएस और जेई के केस तेजी से बढ़े हैं। इस महीने हर रोज तीन से चार मरीज भर्ती हुए हैं। दस सितम्बर से 25 सितम्बर के बीच इंसेफेलाइटिस से प्रभावित 84 बच्चे बीआरडी मेडिकल कालेज में भर्ती हुए हैं। पिछले दस दिन में एईएस से प्रभावित 40 बच्चे बीआरडी मेडिकल कालेज में भर्ती हुए जिनमें तीन बच्चों की मौत भी हो गई।

इस समय बीआरडी मेडिकल कालेज के इंसेफेलाइटिस वार्ड में 32 बच्चे भर्ती हैं।

इस महीने के पहले पखवारे तक बीआरडी मेडिकल कालेज में इंसेफेलाइटिस से प्रभावित 330 बच्चे भर्ती हुए थे जिनमें 26 की मौत हो गई थी।

बीआरडी मेडिकल कालेज में इंसेफेलाइटिस से अब तक भर्ती हुए 370 बच्चों में 16 जापानी इंसेफेलाइटिस से संक्रमित पाए गए हैं।

बीआरडी मेडिकल कालेज में गोरखपुर और बस्ती मंडल के सात जिलों-गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, बस्ती के अलावा आजमगढ़, बलरामपुर, मऊ, गोंडा, गाजीपुर के बच्चे भी इंसेफेलाइटिस के इलाज के लिए आते हैं। बिहार से भी बड़ी संख्या में इंसेफेलाइटिस मरीज इलाज के लिए आते हैं।