समाचार

हज यात्रियों को मिलने वाले खर्च में 600 रियाल की कटौती

गोरखपुर। कोरोना काल में हज-2021 की तैयारी शुरू हो गई है। एक तरफ हज का खर्च वर्ष 2019 की तुलना में 1 लाख 22 हजार रुपये बढ़ना तय है। वहीं, हज यात्रियों को सऊदी अरब में खर्च के लिए मिलने वाली राशि में हज कमेटी ऑफ इंडिया ने कटौती की है। हज खर्च में कटौती का असर पूरे देश के हज यात्रियों पर पड़ेगा। हालांकि सबसे ज्यादा असर यूपी पर पड़ेगा क्योंकि यहीं से सबसे ज्यादा लोग हर साल हज पर जाते हैं।

वर्ष 2019 तक हज यात्रियों को सऊदी अरब के लिए उड़ान भरने से पहले खर्च के तौर 2100 रियाल (भारतीय रुपये वर्तमान मूल्य के अनुसार लगभग 40 हजार रुपये) मिलते थे। इस हज खर्च में इस साल 600 रियाल (11,400) रुपये की कटौती कर दी गई है। अब हज यात्रियों को हज के लिए उड़ान से पूर्व सिर्फ 1500 रियाल ही मिलेंगे। मालूम हो कि हज यात्रियों को मिलने वाला खर्च हज यात्रियों की ओर से जमा की जाने वाली फीस में से ही दिया जाता है। अब एक तरफ हज खर्च बढ़ा है और दूसरी तरफ हज खर्च में कटौती से हज यात्रियों को दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा।

क्यों कम किया गया हज खर्च

कोरोना की वजह से हज 2021 में कई बदलाव हुए हैं। हज 2021 में खर्च काफी महंगा हो गया है। वहीं हज यात्रियों को मिलने वाले खर्च में कटौती की गई है। पिछले हज में प्रत्येक हज यात्री को 2100 रियाल मिले थे। इस साल 1500 रियाल ही दिए जाएंगे। हज खर्च कम करने के पीछे रिहायश के दिन कम होना वजह है। वर्ष 2019 तक हज यात्री 45 दिनों तक अरब में रहते थे लेकिन इस साल सिर्फ अधिकतम 35 दिन ही हज यात्रियों को हज के लिए अरब में रहना होगा। रिहायश घटने से हज खर्च कम किया गया है।