कई वर्ष से की जा रही थी मांग, 28 अगस्त 2016 को केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल को भी दिया गया था ज्ञापन
उपकरणों और औषधियों के लिए दिया बजट, अब मानव संसाधन के लिए बजट का होगा इंतजार
गोरखपुर, 23 अगस्त। बीआरडी मेडिकल कालेज में आक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत के बाद अब सरकार होश में आई है। इस घटना के बाद एनआईसीयू ( नियोनेटल इंटेसिव केयर यूनिट) के विस्तार सम्बन्धी प्रस्ताव को कई वर्ष से लटकाए रखने के बाद अब मंजूरी दी गई है। एनआईसीयू को अपग्रेड करने के लिए नेशनल हेल्थ मिशन से 7.28 करोड़ का बजट रिलीज किया गया है और इसे बीआरडी मेडिकल कालेज के प्राचार्य के एनएचएम खाते में भेज दिया गया है।
एनआईसीयू में मरीजों की अत्यधिक भीड़ के कारण इसको अपग्रेड करने की जरूरत महसूस की जा रही थी और इस सम्बन्ध में मेडिकल कालेज की ओर से कई प्रस्ताव केन्द्र व प्रदेश सरकार को दिए गए थे। पिछले वर्ष 28 अगस्त को केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल को एनआईसीयू की क्षमता 44 बेड से बढ़कार 100 बेड करने के लिए 11.50 करोड़ और पीआईसीयू (पीडियाट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट) को अपग्रेड कर लेवल तीन का करने के लिए 10.45 करोड़ का प्रस्ताव दिया गया था। केन्द्र सरकार तक प्रस्ताव जाने के बावजूद इस सम्बन्ध में बात आगे नहीं बढ़ी और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रही।
इसी बीच आक्सीजन की कमी से 10,11 और 12 अगस्त में बड़ी संख्या नवजात शिशुओं, इंसेफेलाइटिस बाल रोगियों की मोत की घटना घट गई। इसके बाद यह मामला भी प्रकाश में आया कि एनआईसीयू में बेड की कमी के कारण एक बेड पर चार-चार शिशुओं को रखना पड़ रहा है जिससे एक दूसरे में संक्रमण का खतरा रहता है। इस कारण भी एनआईसीयू में बच्चों की मृत्यु दर बहुत अधिक यानि 40 फीसदी तक पहुंच गई है। एनआईसीयू में वार्मर की भी कमी थी। जिम्मेदारों से 30 वार्मर की मांग की जा रही थी लेकिन इसे नहीं दिया गया जिससे एनआईसीयू 11 वार्मरों से ही काम चला रहा था।
इस मुद्दे पर आलोचना के बाद सरकार ने एनआईसीयू को अपग्रेड करने के लिए औषधि व उपरकण मद में 7.28 करोड़ रूपया जारी किया गया है हालांकि अभी मानव संसाधन के लिए धन रिलीज नहीं किया गया है।
जिला स्वास्थ्य समिति के सचिव एवं सीएमओ गोरखपुर द्वारा 16 अ्रगस्त को बीआरडी मेडिकल कालेज के प्राचार्य को लिखे पत्र में जानकारी दी गई है कि बीआरडी मेडिकल कालेज मंे संचालित एसएनसीयू (सिक न्यू बार्न बेबी केयर यूनिट) के उच्चीकरण के लिए औषधियों व उपकरणों की खरीद के लिए 72800000 रूपए स्थानान्तरित किया जा चुका है। इसे वित्तीय वर्ष 2017-2018 में व्यय किया जाए।