महराजगंज, 8 नवम्बर. कहने के लिए महराजगंज जिले में कुल 28 पेयजल परियोजना संचालित हैं लेकिन इसमें से सात परियोजना ने दम तोड़ दिया है. इन परियोजनाओं से जुड़े गांवों में कहीं पाइप लाइन ध्वस्त हो गई है तो कहीं बिजली की सप्लाई बंद है. इन परियोजनाओं को फिर से दुरुस्त करने के लिए 91.50 लाख रूपये की जरूरत है जिसके लिए शासन से धन मिलने का इंतजार हो रहा है.
जिले की सबसे पुरानी पेयजल परियोजना धानी की है जो वर्ष 1983-84 से शुरू हुई. इस परियोजना से जहाँ पहले आधा दर्जन मजरों को जलापूर्ति होती थी लेकिन अब सिर्फ एक टोले को पानी मिल पा रहा है।
19 मजरों को जलापूर्ति करने वाला चकदह गांव का ट्यूबवेल लो वोल्टेज की समस्या से जुझ रहा है। दो गांवों को पानी आपूर्ति के लिए स्थापित कोल्हूई की पेयजल परियोजना भी विद्युत आपूर्ति न मिल पाने की वजह से बंद पङी है।
छह टोलों को जलापूर्ति के लिए लगी फरेंदा बुजुर्ग पानी की टंकी से मात्र चार टोलों के बाशिंदों को ही ट्यूबवेल का पानी मिल रहा है।
वहीं पर 21 टोलों के लोगों के जलापूर्ति के लिए ग्राम मदरहा ककटही, 13 -13 टोलों के लोगों के लिए स्थापित कोटकम्हरिया तथा सोधी की पेयजल परियोजना की पाइप लाइन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होने के कारण जलापूर्ति बाधित है।
इस संबंध में जल निगम के अधिशासी अभियंता ए एन गुप्ता ने बताया की सातों पेयजल परियोजनायों के सुदृढ़ीकरण के लिए करीब 91.50 लाख का इस्टीमेंट शासन में भेजा गया है। धन मिलते ही मरम्मत का कार्य शुरू करा दिया जाएगा।