गोरखपुर, 8 दिसम्बर। हमें अपने अल्लाह से मोहब्बत है तो उसके कलाम से भी मोहब्बत होनी चाहिए। कुरआन खुद पढ़े, दूसरों को भी सिखायें। कुरआन का तर्जुमा, तफसीर भी जानें। कुरआन की तालीमात से जिदंगी का हर गोसा रोशन करें। नमाज पैगंबर-ए-इस्लाम के आंखों की ठंडक है। वक्त पर जमात के साथ अदा करें। दूसरों के साथ अच्छा बर्ताव करें।
यह बातें कारी आबिद अली ने गुरूवार को तिवारीपुर मैदान में नौजवान कमेटी द्वारा आयोजित ‘जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी’ के मौके पर कही।
उन्होंने कहा कि अल्लाह की नेमतें बेशुमार है जिनका शुक्र अदा नहीं किया जा सकता है लेकिन सबसे बड़ी नेमत पैगंबर-ए-इस्लाम हैं। आपने मजलूमों, मजदूरों, गुलामों, औरतों, बच्चियों, बेसहारों, यतीमों को उनका हक दिलाया। जिदंगी गुजारने का सलीका सिखाया। आपकी तालीमात पर अमल करके ही दीन व दुनिया में कामयाबी मिल सकती है, इसीलिए पूरी दुनिया के मुसलमान पैगंबर-ए-इस्लाम की यौम-ए-पैदाइश मनाकर अल्लाह का शुक्रिया अदा करते है।
नात एजाज अहमद, मोईनुद्दीन बरकाती ने पेश की। अध्यक्षता हाफिज व कारी अफजल बरकाती ने व संचालन हाफिज गुलाम खैरूल वरा ने की। इस मौके पर मौलाना शम्सुलहक, मौलाना फिरोज निजामी, मौलवी नोमान, हाफिज खुर्शीद आलम, मो. सलीम, शारिक, विक्की, राजिक, वामिक आदि मौजूद रहे। अंत में सलातो सलाम, फातिहा ख्वानी, दुआ हुई।
जलसा आज
मोहल्ला बसंतपुर में जलसा-ए-ईद मिलादुन्नबी शुक्रवार 8 दिसंबर रात्रि 8:30 बजे आयोजित किया जायेगा। यह जानकारी जलसा के संयोजक सैयद जफर ने दी है। उन्होंने बताया कि जलसे में मुफ्ती मोहम्मद अजहर शम्सी व मौलाना असलम रजव़ी संबोधित करेंगे। नात शरीफ हाफिज व कारी मोहम्मद मोहसिन पेश करेंगे।