गोरखपुर, 26 फरवरी. कैम्पियरगंज थाना क्षेत्र के ग्राम रिदौली टोला बहबोलिया तथा प्राथमिक विद्यालय डेरवा क्षेत्र बड़हलगंज में समायोजित शिक्षामित्र अरुण कुमार पाठक की मृत्यु आज लखनऊ केजीएमसी हास्पीटल में इलाज के दौरान हो गई. शिक्षा मित्रों ने अरुण पाठक की मौत का कारण सदमा बताया है.
शिक्षा मित्रों ने बताया कि जब समायोजन रद हुआ, उसी समय से अरुण कुमार पाठक (38) बीमार हो गए. उनका इलाज लखनऊ हास्पिटल में चल रहा था. सोमवार की सुबह उनका निधन हो गया. शिक्षा मित्रों ने बताया कि अरुण पाठक की पत्नी की भी तबियत ख़राब रहती है. उनके दो बेटियां और एक बेटी है. सभी बच्चे दस साल से कम उम्र के हैं । अरुण पाठक ने समायोजन रद होने के बाद अपनी ज़रूरत पूरी करने के लिए बैंक से लोन भी ले रखा था जिसका हर महीने आठ हज़ार रूपये ईएमआई देना होता है.
शिक्षामित्र चंद्रजीत यादव , राजेंद्र कुमार, कमलेश, अवधेश , विजय , प्रमोद पांडेय , अशोक पांडेय, मोहित, विपिन पांडेय , उमेश पांडेय , जयप्रकाश , देनेश गुप्ता, अजित गुप्ता, कमलुद्दीन, शिक्षामित्र संघ के अध्यक्ष अजय सिंह, मीडिया प्रभारी बेचन सिंह , संगठन मंत्री सुशील कुमार सिंह , प्रदेश संगठन मंत्री रामनगीना निषाद , दिलीप सिंह, अशोक चंद्रा , राजनाथ यादव , राम निवास , राकेश साहनी , सुनील शर्मा आदि ने दुख व्यक्त किया है ।
शिक्षा मित्र संघ के मीडिया प्रभारी बेचन सिंह ने बताया कि 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द किया. शिक्षामित्रों के प्रति सरकार का रवैया निराशाजनक रहा. जनपद से लेकर लखनऊ ,दिल्ली तक आंदोलनों और ज्ञापनों का दौर महीनों चलता रहा लेकिंन सरकार ने कोई सकारात्मक पहल नहीं किया जिससे प्रदेश के शिक्षामित्रों में निराशा व हीन भावना पनपने लगी है और असमय हार्ट अटैक ,आत्महत्या , दुर्घटना ,तबियत ख़राब आदि से मौत का सिलसिला चल पड़ा है. हर दिन प्रदेश के किसी न किसी कोने से शिक्षामित्र या उनके परिवार के किसी सदस्य के मौत की खबर आ रही है. अब तक 450 शिक्षामित्रों की मौतें हो चुकी हैं और सरकार के कान पर जू तक नहीं रेंग रहा है ।