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इंसेफेलाइटिस वार्ड के 300 चिकित्सा कर्मियों को दो वर्ष का एरियर और अप्रैल 2018 का वेतन नहीं मिला

प्रिवेंटिव मेडिसिन एवं रिहैबिलिटेशन सेंटर (पीएमआर) के 11 संविदा कर्मियों को 36 महीने का वेतन नहीं मिला

गोरखपुर। बीआरडी मेडिकल कालेज में कार्यरत चिकित्सकों, कर्मचारियों के वेतन, एरियर, बोनस के भुगतान की समस्या अब भी ठीक नहीं हो सकी है।  बीआरडी मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग के अन्तर्गत आने वाले 100 बेड के इंसेफेलाइटिस वार्ड और 12 नम्बर एपीडेमिक वार्ड में संविदा पर कार्य करने वाले 300 चिकित्सकों, कर्मचारियों, नर्सो को अप्रैल 2018 का वेतन और दो वर्ष का एरियर का भुगतान रुका हुआ है.

इसी तरह प्रिवेंटिव मेडिसिन एवं रिहैबिलिटेशन सेंटर (पीएमआर) के 11 संविदा कर्मियों को 36 महीने का वेतन नहीं मिला है।

100 बेड के इंसेफेलाइटिस वार्ड और 12 नम्बर एपीडेमिक वार्ड में संविदा पर 300 चिकित्सक, नर्स, कर्मचारी कार्यरत हैं। इनको एनएचम मद से वेतन, एरियर मिलता है। जबसे इनकी नियुक्ति हुई है तभी से उनको वेतन, एरियर, बोनस नियमित रूप से नहीं मिल रहा था।

पिछले वर्ष अगस्त माह में आक्सीजन कांड के पहले छह माह का उनका वेतन बकाया था। इस घटना के कुछ दिन पहले ही उन्हें वेतन मिला था। इसके बाद से उन्हें वेतन तो नियमित हुआ लेकिन दो वर्ष से एरियर और एक वर्ष का रायल्टी बोनस नहीं मिला।

अप्रैल महीने में संविदा चिकित्सकों, नर्सों व कर्मचारियों ने जिलाधिकारी जो कि जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष भी होते हैं, उन्हें पत्र लिखकर बकाया मार्च महीने का वेतन, एरियर और बोनस दिलाने की मांग की थी।

इस सम्बन्ध में जब ख़बरें छपीं तो मार्च महीने का वेतन और बोनस का भुगतान हुआ लेकिन 2016-17 और 2017-18 का एरियर का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। संविदा चिकित्सकों, कर्मचारियों और नर्सों को हर वर्ष वेतन में पांच फीसदी बढ़ोत्तरी का एरियर देने का प्राविधान है। इस तरह उन्हें 2016-17 का 6 लाख 50 हजार और वर्ष 2017-18 का 7 लाख 50 हजार यानि कुल 14 लाख रूपए एरियर बकाया है।

इन चिकित्सा कर्मियों को अप्रैल माह का वेतन भी अभी तक नहीं मिला है. वेतन के रूप में इनको 28 लाख रूपये का भुगतान होना है.

प्रिवेंटिव मेडिसिन एवं रिहैबिलिटेशन सेंटर (पीएमआर ) के 11 संविदा कर्मियों को 36 महीने का वेतन नहीं मिला है. उन्हें आखिरी बार मार्च 2015 में वेतन मिला था. इस वर्ष सिर्फ मार्च 2018 महीने की सेलरी दी गई है. पहले के बकाया वेतन के बारे में कोई कुछ नहीं बोल रहा है. अभी प्रमुख सचिव रजनीश दुबे का मेडिकल कालेज का दौरा हुआ तो उनके सामने भी बकाया वेतन का मामला उठा लेकिन कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया. डीएम ने कहा कि मार्च 2018 से आगे की सेलरी अब मिलेगी. पुराने तीन  वर्ष की सेलरी दिलाने का प्रयास किया जाएगा.

पीएमआर के 11 संविदा कर्मियों का काम इंसेफेलाइटिस व दूसरी बीमारियों से विकलांग बच्चों का इलाज करना है। विभाग की स्थापना के समय 37 पद सृजित किए गए लेकिन यहां पर सिर्फ 17 पदों पर ही नियुक्ति हुई। यह नियुक्ति संविदा पर की गई। समय पर वेतन न मिलने पर तीन चिकित्सक नौकरी छोड़ चले गए। अब यहां पर चार थेरेपिस्ट, दो आर्थेरिस्ट, एक प्राथेरिस्ट व पांच चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी काम कर रहे हैं.

इसी बीच शासन की ओर से 27 मार्च को बीआरडी मेडिकल कालेज को पत्र भेजा गया है कि पीएमआर सेंटर में सृजित पदों पर नियमित नियुक्ति होने तक इन संविदा कर्मियों को आउसोर्सिंग के माध्यम से वेतन दिया जाए।

अब ये संविदाकर्मी अपनी नौकरी जाने के खतरे से आशंकित है। इतने लम्बे वक्त बिना वेतन काम करने के सिला उन्हें हटाकर नियमित नियुक्ति कर दिया जाएगा।

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