गोरखपुर, 18 जून. उत्तर प्रदेश के महापौरों (मेयरों) को वाई श्रेणी की सुरक्षा, प्रोटोकॉल और सचिवालय पास की सुविधा मिल सकती है। राज्यपाल राम नाईक ने महापौरों की मांग पर सहमति जताते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने नगर निगमों में कर्मचारियों की कमी को देखते हुए भर्तियां करने और अतिक्रमण हटाने के लिए पूर्व सैनिक उपलब्ध कराए जाने पर भी सहमति जताई है। राज्यपाल ने पत्र में लिखा है कि ये मांगें पूरी की जा सकती हैं।
गोरखपुर के मेयर सीताराम जायसवाल ने बताया कि प्रदेश भर के महापौर गत 21 मई को राजधानी में जुटे थे। यहां हुई बैठक में उन्होंने महापौरों को वाई श्रेणी की सुरक्षा, प्रोटोकॉल और सचिवालय पास की सुविधा, 74वें संविधान संशोधन को पूरी तरह लागू किए जाने समेत कई मांगें उठाई थीं। साथ ही राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा और नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना से मिलकर मांगपत्र दिया था।
इसके बाद शासन ने 74वें संविधान संशोधन लागू करने को लेकर एक कमेटी बनाई है। कमेटी उन प्रदेशों में जाकर अध्ययन करेगी जहां 74वां संविधान संशोधन लागू है। कमेटी ने पिछले महीने लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया से कई बिंदुओं पर बात भी की है. ये प्रमुख मुद्दे हैं-
इसके बाद शासन ने 74वें संविधान संशोधन लागू करने को लेकर एक कमेटी बनाई है। कमेटी उन प्रदेशों में जाकर अध्ययन करेगी जहां 74वां संविधान संशोधन लागू है। कमेटी ने पिछले महीने लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया से कई बिंदुओं पर बात भी की है. ये प्रमुख मुद्दे हैं-
1. अवस्थापना निधि, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, अमृत मिशन में मंडलायुक्त की जगह महापौर को अध्यक्ष बनाया जाए
2- नगर आयुक्त कोई भी कार्य महापौर के अनुमोदन के बिना न करें
3 – नगर विकास मंत्री नगर निकायों से संबंधित जो आदेश जारी करते हैं, उनका भी प्रमुख सचिव पूरी – तरह पालन नहीं कर रहे हैं। इस व्यवस्था को सही किया जाए।
4- डूडा को महापौर के अधीन लाया जाए।
5-महापौर को सरकार की तरफ से पहचान पत्र, सचिवालय पास और गाड़ी पास जारी किया जाए।
6-मंडलायुक्त की जगह महापौर को विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया जाए।
7-सांसदों-विधायकों की तरह महापौरों के लिए भी सीएम से मुलाकात का दिन तय किया जाए।
8-पार्षदों को भत्ता दिया जाए और उसका अधिकार महापौर को हो।
9-मेयर काउंसिल भवन के लिए जमीन उपलब्ध कराई जाए।