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विश्वविद्यालय में शिक्षकों के चयन प्रक्रिया में अनियमितता का आरोप, सभी अभ्यर्थियों के प्राप्तांक विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड करने की मांग
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गोरखपुर , 2 जुलाई. दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के एससी/एसटी/ओबीसी आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक प्रोफ़ेसर कमलेश कुमार गुप्ता विश्वविद्यालय में शिक्षकों के चयन प्रक्रिया में कई अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए सभी विषय के सभी अभ्यर्थियों के प्राप्तांक विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड करने की मांग की है.
इस सम्बन्ध में उन्होंने कुलपति को ज्ञापन भी दिया है. कुलपति को दिए गए ज्ञापन में उन्होंने कहा है कि जब से विश्वविद्यालय में चयन प्रक्रिया प्रारंभ हुई है तबसे चयन में वंशवाद, जातिवाद, बड़े पैमाने पर लेन-देन और उच्च पदों पर आसीन व्यक्तियों द्वारा पैरवी और दबाव की बातें कही-सुनी जा रही है. हम इन बातों या आरोपों की पुष्टि नहीं करते लेकिन जाने-अनजाने कई अनियमितताएं हुई हैं. प्रो गुप्ता ने कहा कि अनारक्षित संवर्ग के व्यक्ति की नियुक्ति आरक्षित पद पर करना, ऐसे व्यक्तियों को एससी ओबीसी आब्जर्वर बनाया जाना जो स्वयं या जिन के पाल्य / रिश्तेदार अभ्यर्थी हैं, असिस्टेंट प्रोफेसर के अनारक्षित पद पर एक भी एससी /एसटी/ओबीसी ओबीसी संवर्ग के व्यक्ति की नियुक्ति नहीं होना, एसटी और दिव्यांग संवर्ग को प्रतिनिधित्व से वंचित रखा जाना, यूजीसी के दिशा निर्देश की असंगत व्याख्या करना ( जिससे जो अभ्यर्थी विज्ञापन की अंतिम तिथि तक एसोसिएट प्रोफेसर की योग्यता नहीं रखते वह प्रोफेसर के पद पर चयनित हो जाएं) , एक दिन में अत्यधिक संख्या में ( लगभग 100 तक) को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाना और 5 से 7 मिनट के इंटरव्यू के आधार पर 50 अंकों का निर्धारण करना, 29 अप्रैल की कार्य परिषद की बैठक में सदस्य ( ओबीसी प्रतिनिधि ) द्वारा अभ्यर्थियों के प्राप्त अंकों और प्रेसी की मांग करने पर भी उपलब्ध न कराना अनियमितताओं के उदहारण हैं.
इस पत्र में कमलेश गुप्ता ने कहा है कि शिक्षकों की नियुक्ति में पारदर्शिता की कमी है. 29 अप्रैल 2018 को जिन शिक्षकों की नियुक्ति हुई है, दो माह बाद भी अभ्यर्थियों के प्राप्तांक जिनविश्वविद्यालय की वेबसाइट पर नहीं डाले जाने से अनियमितता के आरोपों को बल मिल रहा है. उन्होंने 2 जुलाई की अगली कार्य परिषद की बैठक के पूर्व सभी विषयों के सभी अभ्यर्थियों के प्राप्तांक विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध कराए जाने की मांग की है.
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