राज्य

गीडा में तीन पालिथीन फैक्ट्रियां अब बंद होगी

क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने फैक्ट्रियों को थमाया आदेश

बिजली कनेक्शन कटवाने के लिए डीएम से मांगी गयी अनुमति

गोरखपुर। पर्यावरण के लिये संकट बन चुके पालिथीन के उत्पादन पर रोक की कार्रवाई शुरू हो गयी है। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गीडा में पालिथीन उत्पादन की तीन फैक्ट्रियों को बंदी का आदेश दिया है। इन इकाईयों में 50 माइक्रेन से कम वजन वाले प्लास्टिक बैग व थर्मोकोल आदि का उत्पादन होता है। यही नहीं फैक्ट्रियों में चोरी छिपे उत्पादन न होने पाये, इसके लिए डीएम से इन उत्पादक इकाईयों के बिजली कनेक्शन काटने की अनुमति मांगी गयी है।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के स्थानीय कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जांच में उपरोक्त तीनों फैक्ट्रियों को प्रतिबंधित माइक्रेन का पालिथीन उत्पादन करते हुए पाया गया था। लिहाजा शासन के निर्देश के अनुपालन में इन्हें बंदी का आदेश दिया गया। बंदी का आदेश पूर्वांचल ग्रामोद्योग, क्वेटा प्लास्टिक उद्योग व एमवी इंडस्ट्रीज को मिला है।

अब 50 माइक्रेन से ज्यादा वजन का पालिथीन बनायेंगे

प्रतिबंध के बाद उत्पादकों ने अब 50 माइक्रेन से ज्यादा वजन का पालिथीन उत्पादन करने का निर्णय लिया है। हालांकि यह तुलनात्मक रूप से थोड़ा महंगा होगा लेकिन पुनर्चक्रण में आसानी के चलते इसका उत्पादन कानूनी रूप से किया जा सकता है। एक उत्पादक एस के अनूप ने बताया 50 माइक्रेन के एक पालीबैक की कीमत दो से तीन रुपये आयेगी। फिलहाल कपड़े की दुकानों पर इसकी खपत होती है।

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