गोरखपुर. हिन्दू युवा वाहिनी भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह की पत्नी कुसुम सिंह ने आज एक होटल में पत्रकार वार्ता कर कहा कि उनके पति के साथ अनर्थ की सीमा से बाहर जाकर अन्याय हो रहा है. यदि पति और उनके साथियों को न्याय नहीं मिला तो वह स्वयं बच्चों के साथ अपने हाथों में भगवा ध्वज लेकर सड़क पर उतर संघर्ष करुँगी.
सुनील सिंह और उनके 10 सहयोगियों को पुलिस ने 31 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस ने उसी रात इनके खिलाफ चार मुकदमे दर्ज कर लिया. पांचवा मुकदमा कुछ दिन पहले दर्ज किया गया है.
कुसुम सिंह ने कहा कि उनके पति का अपराध मात्र इतना है कि उन्होंने अपनी पूरी जवानी इस भ्रम में योगी आदित्यनाथ के चरणों में समर्पित कर दिया कि वह हिंदुत्व के लिए काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि मैं भी क्षत्रिय हूं. मेरे अंदर भी राजपूती रक्त है. मैं आत्मदाह की धमकी नहीं दूंगी. मेरे आंखों में आंसू हो सकते हैं. पति जेल में है. उनकी पीड़ा मेरी आंखों से छलक सकती है पर मैं कायर नहीं हूं. पति के साथ-साथ उनके कार्यकर्ताओं का प्रशासनिक उत्पीड़न बंद कर उन्हें न्याय नहीं दिया गया तो इन आंखों के आंसू विद्रोह कर सकते हैं.
प्रेस वार्ता के दौरान कुसुम सिंह ने आरोप लगाया कि शासन के इशारे पर उनके पति का प्रशासनिक उत्पीड़न हो रहा है. कई फर्जी मुकदमे दर्ज करा कर प्रशासन सत्ताधीशों के एजेंट के रूप में काम कर रहा है. किसी भी राज्य का मुख्यमंत्री जिले का जिलाधिकारी, एसएसपी उस राज्य जिले का संरक्षक होता है, अभिभावक होता है. यदि कानून की मर्यादा से बाहर जाकर डीएम, एसएसपी किसी निर्दोष व्यक्ति का उत्पीड़न मात्र इसलिए करें किसी सत्ताधीश के अहंकार की पुष्टि होगी तो इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या होगा.
कुसुम सिंह ने कहा कि मेरे पति ने अपने जीवन के 22 साल, जो किसी के भी जीवन के बहुत महत्वपूर्ण साल होते हैं, ने हिंदुत्व के मान-सम्मान-स्वाभिमान के प्रश्न पर योगी जी को समर्पित किया है. अपने परिवार, माता-पिता, रिश्तेदार, पत्नी-बच्चों की चिंता नहीं की. जब से ब्याह कर मैं पति के परिवार में आई तब से देख रही हूं सुबह निकलना, देर रात वापस आना, घर का भोजन महीने में एक दो बार शायद।
याद करना पड़ता था कि कितने दिन बाद एक साथ भोजन हो पा रहा है. मैंने अपने जीवन में कभी किसी को भी किसी के प्रति इतना समर्पित नहीं देखा।
कुसुम सिंह ने हिंदू युवा वाहिनी भारत के कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे धैर्य बनाए रखें. उन्होंने कहा कि प्रत्येक राम भक्त, राष्ट्रभक्त देशवासियों से अपील है कि वे भारतीय जनता पार्टी की इस अहंकारी सरकार को उखाड़ फेंके जो हिंदू हितों की लड़ाई लड़ने वालों के उत्पीड़न में लगी है.
प्रेस वार्ता में मौजूद सुनील सिंह के छोटे भाई अजय कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री से पूछा आखिर में मेरे भाई का कसूर ही क्या था ? उन्होंने आपके साथ 22 साल अपने जीवन के महत्वपूर्ण समय दिए. आखिर में उनको जेल की सलाखों के पीछे क्यों भेजा गया ? अजय कुमार सिंह ने कहा कि सुनील सिंह ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के लिए ही बीजेपी से बगावत की और आज मुख्यमंत्री ने ही उनको अपने से दूर कर दिया. अजय कुमार सिंह ने कहा कि आज तक मंदिर से फूटी कौड़ी भी हमारे परिवार को नहीं मिला. ना ही हम लोगों ने कभी अपने मन में कोई फायदा उठाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सोचा लेकिन आज जो हो रहा है वह बहुत ही निंदनीय है. उन्होंने कहा कि मेरे बेकसूर बड़े भाई सुनील सिंह पर शासन और मुख्यमंत्री के निर्देश पर फर्जी मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं.