व्यापक टीकाकारण के बावजूद जापानी इंसेफेलाइटिस के रोगियों की संख्या नहीं हो रही कम
गोरखपुर। गोरखपुर मंडल के चार जिले इंसेफेलाइटिस (जेई/एईएस) से सबसे अधिक प्रभावित हैं। बीआरडी मेडिकल कालेज गोरखपुर में गोरखपुर मंडल के चार जिलों-गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर और महराजगंज से भी सर्वाधिक मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। बीआरडी मेडिकल कालेज में इन चार जिलों से मरीजों की संख्या 64 फीसदी से अधिक है।
इसके अलावा बीआरडी मेडिकल कालेज में बिहार से भी बड़ी संख्या में इंसेफेलाइटिस मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं।
बीआरडी मेडिकल कालेज गोरखपुर में एईएस केस और मृत्यु -2018 (11.09.2018 तक )
District | Admission | Death |
Gorakhpur | 145 | 28 |
Mahrajganj | 48 | 17 |
Kushinagar | 79 | 19 |
Deoria | 78 | 20 |
Basti | 28 | 10 |
Siddarthnagar | 46 | 16 |
Sant kabeer nagar | 34 | 10 |
Mau | 10 | 05 |
Gonda | 01 | 01 |
Ghazipur | 01 | 00 |
Balrampur | 06 | 03 |
Bihar | 62 | 31 |
Nepal | 02 | 01 |
Total | 540 | 161 |
एक जनवरी से 11 सितम्बर तक बीआरडी मेडिकल कालेज में भर्ती हुए इंसेफेलाइटिस मरीजों के आंकड़ों का विश्लेषण करें तो पता चलता है कि इंसेफेलाइटिस से सबसे अधिक प्रभावित जिला गोरखपुर है। इस वर्ष अभी तक बीआरडी मेडिकल कालेज में रिपोर्ट हुए इंसेफेलाइटिस के 540 केस में अकेले गोरखपुर के 145 केस हैं। इनमें से 28 मरीजों की मौत भी हो गई।
जापानी इंसेफेलाइटिस के मरीज नहीं हो रहे हैं कम
बीआरडी मेडिकल कालेज में भर्ती हुए इंसेफेलाइटिस मरीजों में 51 जेई पाजिटिव पाए गए हैं। इस तरह कुल मरीजों में जापानी इंसेफेलाइटिस के मरीजों का प्रतिशत नौ फीसदी से अधिक है। जापानी इंसेफेलाइटिस मरीजों में नौ बिहार के हैं। यदि इन्हें अलग कर दिया जाय तब भी उत्तर प्रदेश के 11 जिलों से इलाज के लिए मरीजों में 42 जापानी इंसेफेलाइटिस के मिले जो कुल मरीजों का 7.77 फीसदी है।
बीआरडी मेडिकल कालेज गोरखपुर में जेई, डेंगू और स्क्रब टाइफस केस -2018 (11.09.2018 तक )
District | Total Case | JE+ | dengue + | scrub Typhus + |
Gorakhpur | 145 | 14 | 06 | 42 |
Mahrajganj | 48 | 02 | 01 | 12 |
Kushinagar | 79 | 07 | 04 | 11 |
Deoria | 78 | 06 | 06 | 25 |
Basti | 28 | 03 | — | 05 |
Siddarthnagar | 46 | 07 | 03 | 09 |
Santkabeer nagar | 34 | 02 | 01 | 09 |
Mau | 10 | — | — | 04 |
Balrampur | 06 | — | — | 01 |
Gonda | 01 | — | — | 01 |
Ghazipur | 01 | — | — | — |
Bihar | 62 | 09 | 04 | 08 |
Nepal | 02 | 01 | 01 | |
Total | 540 | 51 | 25 | 128 |
वर्ष 2017 में सितम्बर माह तक बीआरडी मेडिकल कालेज में इंसेफेलाइटिस मरीजों में से 6.77 फीसदी जेई पाजिटिव पाए गए थे। इस तरह इस वर्ष जेई मरीजों की संख्या एक फीसदी अधिक है। यह तथ्य दस्तक-एक अभियान की सफलता पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है जिसमें दावा किया गया था कि इंसेफेलाइटिस से प्रभावित जिलों में लक्ष्य के मुकाबले जेई टीकाकारण में 100 फीसदी से अधिक सफलता प्राप्त की गई थी। 100 फीसदी से अधिक टीकाकारण की उपलब्धि के बावजूद जेई मरीजों की संख्या कम न होना हैरत में डालने वाला है।
इंसेफेलाइटिस में 23 फीसदी मरीजों में स्क्रब टाइफस की पुष्टि
बीआरडी मेडिकल कालेज में भर्ती हुए 540 इंसेफेलाइटिस मरीजों में से 128 में स्क्रब टाइफस की पुष्टि हुई है। इंसेफेलाइटिस के कारकों में स्क्रब टाइफस को लेकर काफी विवाद है। पिछले चार वर्षों से सरकारी अस्पतालों में भर्ती होने वाले इंसेफेलाइटिस मरीजों में स्क्रब टाइफस की जांच तो होती ही है, मरीजों को स्क्रब टाइफस की दवा भी दी जाती है। इसके बावजूद मौतों की दर में कमी न होने पर बहुत से चिकित्सक सवाल उठा रहे हैं।
बीआरडी मेडिकल कालेज गोरखपुर में एईएस केस -2018 ( 11.09.2018 तक )
District | Admission | Death | ||
Male | Female | Male | Female | |
Gorakhpur | 71 | 74 | 15 | 13 |
Mahrajganj | 22 | 26 | 8 | 7 |
Kushinagar | 45 | 34 | 12 | 7 |
Deoria | 37 | 41 | 12 | 8 |
Basti | 15 | 13 | 6 | 4 |
Siddarthnagar | 24 | 22 | 7 | 9 |
Santkabeer nagar | 18 | 16 | 6 | 4 |
Mau | 5 | 5 | 2 | 3 |
Balrampur | 3 | 3 | 2 | 1 |
Gonda | 1 | 0 | 1 | 0 |
Ghazipur | 0 | 1 | 0 | 0 |
Bihar | 35 | 27 | 16 | 15 |
Nepal | 02 | 0 | 01 | 0 |
Total | 278 | 262 | 89 | 72 |
इन चिकित्सकों का कहना है कि यदि इंसेफेलाइटिस में स्क्रब टाइफस के मामले 30 फीसदी से अधिक है जो मृत्यु दर में कमी आनी चाहिए क्योंकि जेई या जल काक्सिकी आदि विषाणुओं से जनित इंसेफेलाइटिस से होने वाली मृत्यु के मुकाबले स्क्रब टाइफस केस में मृत्यु दर बहुत कम है। अभी तक बीआरडी मेडिकल कालेज में इंसेफेलाइटिस से मृत्यु दर 29.81 फीसदी है जो वर्ष 2013 में 27.88, 2014 में 28.15, 2015 में 25.33, 2016 में 26.16 और 2017 में 21.62 से अधिक है।