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पुलिस हमें भी फर्जी केस में फंसा सकती है : रेहाना बेगम

परवेज परवाज की पत्नी रेहाना बेगम ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पत्र भेज कर आशंका जतायी, सुरक्षा मांगी

गोरखपुर। एक सप्ताह पहले गिरफ्तार किए गए सामाजिक कार्यकर्ता परवेज परवाज की पत्नी रेहाना बेगम ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पत्र भेजकर अपने पति को झूठे मामले में फंसाए जाने का आरोप लगाते हुए अपने व परिजनों की सुरक्षा की मांग की है।

उन्होंने पत्र में लिखा है कि उनके पति को वर्ष 2007 के साम्प्रदायिक हिंसा की घटना में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर केस दर्ज कराने के कारण गैंग रेप के मामले में फंसाया गया है। अब उन्हें और उनके पुत्रों को पुलिस धमकी दे रही है। उन्हें आशंका है कि उन्हें फर्जी केस में फंसा दिया जाएगा।

रेहाना बेगम ने पत्र में लिखा है कि उनके पति परवेज परवाज ने 2007 में हुए साम्प्रदायिक हिंसा के मामले में केस दर्ज कराया था जिसमें योगी आदित्यनाथ (वर्तमान में मुख्यमंत्री) आरोपी हैं। यह मामला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लम्बित है जिसमें परवेज परवाज याचिका कर्ता हैं। इस मामले में राज्य सरकार को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का समय दिया गया है जो अभी तक दाखिल नहीं हुआ है।

रेहाना बेगम ने पत्र में आरोप लगाया है कि इसी कारण 4 जून को एक झूठा मुकदमा दर्ज कराकर इस मुकदमें में परवेज परवाज को गिरफ्तार कर लिया गया। इस केस की पुलिस द्वारा जांच की गई थी और जांच करके फाइनल रिपोर्ट लगाकार मुकदमे को बंद कर दिया गया लेकिन शासन-प्रशासन के दबाव में मुकदमे की फिर से चालू करा कर 25 सितम्बर को शाम 7 बजे परवेज परवाज को गिरफ्तार  कर लिया गया। उच्च न्यायालय द्वारा 26 सितम्बर को इस मुकदमे के मुख्य अभियुक्त की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।

परवेज परवाज की पत्नी ने पत्र में आरोप लगाया है कि गोरखपुर पुलिस उन्हें और उनके पुत्रों को परेशान कर रही है। मेरे व मेरे पुत्रों के उपर आज तक एक भी मुकदमा नहीं है। पुलिस द्वारा हमें किसी फर्जी मुकदमे में फंसाने का षडयंत्र रचा जा रहा है और हमको धमका रही है कि। यह सब इसलिए किया जा रहा ताकि परवेज परवाज केस वापस ले लें। पत्र की प्रति मानवाधिकार आयोग, उत्तर प्रदेश, प्रमुख सचिव गृह, पुलिस महानिदेशक, एडीजी गोरखपपुर, आईजी गोरेखपुर, डीआईजी गोरखपुर, एसएसपी गोरखपुर को भी भेजी गई है।

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