गोरखपुर। निर्माणाधीन एम्स की चहारदीवारी का करीब 30 मीटर हिस्सा आज ध्वस्त हो गया। चहारदीवारी गिरने का कारण चहारदीवारी से सटकर नाले के लिए की जा रही खुदाई को जिम्मेदार बताया जा रहा है। इस हादसे में किसी के घायल होने की खबर नहीं है।
गोरखपुर में कसया रोड पर जीआरडी के सामने एम्स का निर्माण हो रहा है। एम्स का निर्माण हाईट (एचएलएल इन्फ्रा टेक सर्विसेज लिमिटेड) करा रही है। 750 बेड के एम्स की लागत 1011 करोड़ रूपए है। एम्स की ओपीडी को 2019 में शुरू करने की घोषणा की गई है। इसके लिए जोर-शोर से कार्य हो रहा है। जिस भूमि पर निर्माण हो रहा है, वहां पहले गन्ना शोध संस्थान, गन्ना विभाग का कार्यालय व प्रशिक्षण केन्द्र था। इन सभी कार्यालयों को दूसरे स्थान पर शिफट कर दिया गया। पुराने सभी भवन को ध्वस्त कर दिया गया और अब उस पर निर्माण हो रहा है।
निर्माण करने वाली संस्था हाईट ने सबसे पहले जमीन के चारों तरफ चहारदीवारी का निर्माण कराया। इसके बाद ओपीडी भवन का निर्माण शुरू किया। एम्स भवन जलजमाव का शिकार न हो, इसके लिए साथ ही साथ नाला बनाने का भी काम चल रहा है। यह कार्य गोरखपुर विकास प्राधिकरण करा रहा है। इसके लिए चहारदीवारी से सटे खुदाई कर उसमें पाइप डाली जा रही है। आज खुदाई के दौरान जीआरडी के सामने एम्स की चहारदीवारी का 30 मीटर हिस्सा ढह गया। इस कारण कुछ देर के लिए वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया। चहारदीवारी ध्वस्त होने पर एक मजदूर के मलबे में दबे होने की खबर आई लेकिन बाद में पता चला कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई।
एम्स का निर्माण कर रही संस्था का कहना है कि जीडीए की लापरवाही से चहारदीवारी गिरी है। उसने खुदाई करते समय चहारदीवारी की सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं किया। हाईट के एक अधिकारी ने कहा कि ढही चहारदीवारी को बनाने का काम जीडीए ही करेगा। इस सम्बन्ध में उससे बात हो गई है।