गोरखपुर । बुधवार को गोरखपुर थिएटर एसोसिएशन के मासिक श्रृंखला की 32वीं कड़ी में अलख कला समूह ने सहादत हसन मंटो द्वारा लिखित कहानी पर आधारित नाटक “टोबा टेक सिंह” का मंचन प्रेमचंद सभागार रैम्पस स्कूल में किया। निर्देशन युवा वरिष्ठ रंगकर्मी बेचन सिंह पटेल का रहा।
नाटक का कथानक भारत के विभाजन के समय लाहौर के एक पागल खाने के पागलों पर आधारित है. यह नाटक भारत-पाकिस्तान विभाजन पर सशक्त तंज है । बंटवारे के दो-तीन साल बाद पाकिस्तान और हिंदुस्तान की हुकूमतों को ख्याल आया कि मुसलमान पागल हिंदुस्तान के पागल खानों में हैं, उन्हें पाकिस्तान पहुंचा दिया जाए और जो हिंदू व सिख पाकिस्तान के पागल खानों में है उन्हें हिंदुस्तान के हवाले कर दिया जाए । इधर लाहौर के पागल खानों में जब इस तबादले की खबर पहुंची तो बड़ी दिलचस्प बातें होने लगी । एक मुसलमान पागल ने जब यह पूछा कि पाकिस्तान क्या होता है ? तो उसके दोस्त ने बड़े सोच समझ कर जवाब दिया कि हिंदुस्तान में पाकिस्तान एक ऐसी जगह है जहां उस्तूरे बनते हैं ।
कुछ पागल फांसी के डर से बनावटी पागल बनकर पागल खाने में आए थे । लाहौर का एक नौजवान हिंदू वकील था जो मोहब्बत में पागल हो गया था । एक सिख पागल न दिन में सोता था ना रात में वह दीवाल के सहारे टेक लगाकर खड़ा रहता था और अपने गांव टोबा टेक सिंह के बारे में सब से पूछता रहता था कि यह हिंदुस्तान में है या पाकिस्तान में ? एक पागल ऐसा भी था जो अपने आप को खुदा कहता था उसने टोबा टेक सिंह के बारे में बताया यह न तो पाकिस्तान में है और ना हिंदुस्तान में , क्योंकि हमने अभी हुकुम ही नहीं दिया ।
बिशन सिंह को जब बाघा बॉर्डर के रास्ते हिंदुस्तान ले जाया जा रहा था तो उसने पूछा टोबा टेक सिंह कहां है तो जवाब मिला पाकिस्तान में, नहीं हिंदुस्तान में । बिशन सिंह हर बात पर एक अजीबोगरीब बात करता था जिसका कोई अर्थ नहीं है ओपड़ दी गुड़गुड़ दी एनेक्स दी बेध्याना दी वाल आफ दी टोबा टेक सिंह एंड पाकिस्तान । यह कहकर तेज आवाज में बॉर्डर पर गिरा जो आधा शरीर हिंदुस्तान और आधा पाकिस्तान में था , जिसका कोई नाम नहीं था उसका नाम टोबा टेक सिंह पड़ा ।
नाटक में बिशन सिंह की भूमिका में जेएन शाह ,खुदा की भूमिका में आशुतोष पाल, चैन्यूट की भूमिका में पुष्कर आनंद ,वकील की भूमिका में ओम नारायण मौर्य, रेडियो समाचार वाचक व इंजीनियर की भूमिका अनन्या, सिख की भूमिका गोविंद प्रजापति, दफेदार की राजू मौर्य, फजल्लूद्दीन की निखिल पाल ,हाकर की बैजनाथ मिश्र ने निभाई. मेकअप राकेश कुमार का था.