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चीनी मिल चलाने का वादा पूरा नहीं कर सका प्रशासन, धरना-प्रदर्शन की अनुमति भी नहीं दे रहा

लक्ष्मीगंज चीनी मिल को चलवाने के लिए भाकियू (भानु) ने 25 फरवरी को जिला मुख्यालय पर डेरा डालो, घेरा डालो और जेल भरो आन्दोलन की चेतावनी दी

कुशीनगर. लक्ष्मीगंज की बन्द चीनी मिल को 20 दिन में चलवाने का आश्वासन देकर आन्दोलन समाप्त कराने वाला जिला प्रशासन अपना वादा पूरा नहीं कर सका. अफसरों ने लक्ष्मीगंज आकार आन्दोलनकारियों से कहा था कि 20 दिन में चीनी मिल चलाने की घोषणा नहीं हुई तो वे फिर से अपन आन्दोलन शुरू कर सकते हैं. अब प्रशासन धारा 144, लोकसभा चुनाव और बोर्ड की परीक्षा का हवाला देते हुए धरना-प्रदर्शन की अनुमति नहीं दे रहा है. इससे किसानों में आक्रोश है और उन्होंने बैठक कर 25 फ़रवरी से जिला मुख्यालय पर ‘ डेरा डालो, घेरा डालो ‘ और ‘ जेल भरो आन्दोलन ‘ शुरू करने की चेतावनी दी है.

लक्ष्मीगंज की बन्द चीनी मिल को चलवाने के लिए भारतीय किसान यूनियन (भानु) की जिला इकाई, कुशीनगर के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह द्वारा ढाई महीने से आन्दोलन किया जा रहा है. उनकी अगुवाई में किसानों, संगठन के कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने 26 नवम्बर 2018 से 17 दिसम्बर 2018 तक अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन किया . धरना-प्रदर्शन के आखिरी दिन 17 दिसम्बर को  कप्तानगंज के उपजिलाधिकारीरना प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे. उन्हें ज्ञापन देकर लक्ष्मीगंज चीनी मिल एक सप्ताह मे चलवाने के लिये घोषणा करने की मांग की गई और ऐसा नहीं होने पर 24 दिसम्बर से पुन: धरना-प्रदर्शन करने की बात कही गई.

एक सप्ताह में इस संबंध में न तो कोई घोषणा हुई न अफसरों ने कोई बातचीत की. किसानों ने 24 दिसम्बर से फिर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. यह आन्दोलन 21 जनवरी तक चलता रहा लेकिन प्रशासन ने आन्दोलन की पूरी तरह उपेक्षा की. नाराज किसानों ने 22 जनवरी को जिला मुख्यालय कूच करने का ऐलान किया. तब अपर जिलाधिकारीआन्दोलन स्थल पर आये और प्रधानमन्त्री और मुख्यमन्त्री को संबोधित ज्ञापन लिया. उन्होंने किसानों से कहा कि हमे 20 दिन का समय दीजिए. यदि इस दौरान सरकार लक्ष्मीगंज चीनी मिल चलवाने के लिये घोषणा नही करती है तो आप पुनः अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर सकते है.

भारतीय किसान यूनियन (भानु) के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह ने कहा कि अभी तक सरकार द्वारा लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल को चलवाने के लिये घोषणा नही की गई है. इसलिए किसानों ने फिर से आन्दोलन शुरू करने का फैसला लिया. जब यूनियन ने पुन: 15 फरवरी से अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन शुरू करने की अनुमति लेने उपजिलाधिकारी, कप्तानगंज को अवदान किया तो उन्होंने उसे थानाध्यक्ष, रामकोला को आख्या देने के लिए भेज दिया. थानाध्यक्ष ने रामकोला द्वारा जनपद में धारा 144, लोकसभा चुनाव और बोर्ड की परीक्षा का हवाला देते हुए अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन की अनुमति नही दी. इससे किसानों में आक्रोश है.

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन किसानों की आवाज को दबाना चाहता है जिसे किसान कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे. सात फ़रवरी को अपर जिलाधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि  आप दस दिन रुक जाइए. लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मील को चलवाने के लिये सरकार पहल कर रही. यदि इस दस दिन में सरकार लक्ष्मीगंज चीनी मिल को चलवाने के लिये घोषणा नही करती है तो आप आन्दोलन शुरू कर सकते हैं.

श्री सिंह ने कहा कि यूनियन कार्यकर्ताओं और किसानों के साथ बैठक कर निर्णय लिया गया है कि यदि 20 फरवरी तक सरकार द्वारा लक्ष्मीगंज चीनी मिल को चलवाने की घोषणा नहीं की जाती है तो अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन 22 फरवरी से शुरू किया जायेगा. यदि प्रशासन आन्दोलन की अनुमति नहीं देगा तो 25 फरवरी को पचासों हजार की संख्या में किसान लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल गेट पर सुबह दस बजे इकट्ठा होगें और उसी दिन पैदल यात्रा करके जिला मुख्यालय पहुंचकर “डेरा डालो, घेरा डालो” और जेल भरो आन्दोलन शुरू कर देंगे.

बैठक में कृष्ण गोपाल चौधरी, रामनरायन यादव, हरी जी, बबलू खान, भोरिक यादव, भोला गुप्ता, चेतई प्रसाद, प्रभु भारती, रामनवल प्रसाद, लालती देवी, रामअधार प्रसाद, बंशबहादुर विश्वकर्मा, राधे प्रसाद आदि मौजूद रहे.

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