सीएमओ की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में बनी कार्ड बांटने की रणनीति
गोरखपुर. जिले का स्वास्थ्य महकमा आयुष्मान भारत योजना के लगभग दो लाख लाभार्थियों को प्लास्टिक कार्ड प्रदान करेगा। यह वही लाभार्थी हैं जिन्हें योजना से संबंधित प्रधानमंत्री का पत्र दिया गया था।
मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डा. श्रीकांत तिवारी की अध्यक्षता में आयुष्मान भारत योजना की प्रगति के संबंध में हुई समीक्षा बैठक में यह तय किया गया। बैठक में बताया गया कि प्राप्त दिशा निर्देशों के अनुसार सीएचसी-पीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी और अधीक्षक अपने स्तर पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों को आमन्त्रित कर आयोजन कराएंगे। इन आयोजनों में प्लास्टिक कार्ड बांटे जाएंगे।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. श्रीकांत तिवारी ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत जनपद में बेहतर काम हो रहा है। कुछ निजी अस्पतालों ने अपने यहां सेवाएं बढ़ाने के लिए आवेदन किया है। वहां निरीक्षण कर लिया गया है। शीघ्र ही कार्यवाही होगी। जो निजी अस्पताल निष्क्रिय हैं, उनको चेतावनी दी जा रही है। प्लास्टिक कार्ड बंटने के बाद लोगों को और फायदा मिलेगा। जनहित में इसी प्रकार का प्रयास जारी रहना चाहिए।
आयुष्मान भारत योजना के नोडल व अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा.नीरज कुमार पाण्डेय ने बताया कि शीघ्र ही प्लास्टिक कार्ड बांटने का काम शुरू हो जाएगा। सभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारी/अधीक्षको को जनपद स्तर से कार्ड उपलब्ध कराए जा रहे हैं।जो कार्ड प्रभारी चिकित्साधिकारियों के माध्यम से नहीं बंट पाएंगे, उन्हें आशा बहू के माध्यम से बांटा जाएगा।
बैठक में योजना की कोआर्डिनेटर डा. संचिता और उनके सहयोगी शशांक, विनय व प्रशांत ने सीएमओ को योजना की प्रगति से अवगत कराया। सीएमओ ने उन अस्पतालों को चेतावनी देने का निर्देश दिया जो लंबे समय से संबद्ध हैं लेकिन संतोषजनक प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं।
दो महीने के भीतर बंटे 50 हजार गोल्डेन कार्ड
चार जनवरी के बाद से स्वास्थ्य विभाग ने आयुष्मान भारत योजना के गोल्डेन कार्ड के वितरण के मानीटरिंग की जिम्मेदारी संभाली थी। योजना के शुरूआत से लेकर चार जनवरी तक महज साढ़े चार हजार गोल्डेन कार्ड बंट पाए थे। विभागीय मानीटरिंग का प्रभाव रहा कि दो महीने के भीतर जनपद में 50 हजार कार्ड बांटे जा चुके हैं। 26 फरवरी तक 55 हजार गोल्डेन कार्ड लाभार्थियों के बीच बांटे जा चुके हैं।
गोरखपुर में आयुष्मान भारत योजना
- जनपद में आयुष्मान भारत योजना के लगभग तीन लाख लाभार्थी परिवार हैं।
- इस योजना के तहत कुल 63 अस्पताल सूचीबद्ध हैं जिनमें 52 निजी हैं।
- योजना के तहत प्रति परिवार को पांच लाख तक का इलाज मुफ्त में मिलता है।
- योजना में घुटना प्रत्यारोपण, कूल्हा प्रत्यारोपण, एंजियोप्लास्टी सरीखे गंभीर इलाज भी मुफ्त में हुए।
- 26 फरवरी तक गोरखपुर में कुल 1908 केस हुए हैं और जनपद पूरे यूपी में लाभ देने के मामले में छठे स्थान पर है।
ऐसा होगा प्लास्टिक कार्ड
- प्लास्टिक कार्ड पर मरीज व योजना के बारे में सूचनाएं अंकित हैं।
- इसे पाकेट में रखकर चल सकते हैं और यह ज्यादा मजबूत होगा।
- प्लास्टिक कार्ड के साथ पहचान पत्र भी रखना होगा।
. प्लास्टिक कार्ड साथ रहने पर गोल्ड कार्ड बनवाने में काफी आसानी हो जाएगी।