गोरखपुर। देश के 22 राज्यों में इस वर्ष के छह महीनों में एईएस (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम ) और जेई (जापानी इंसेफेलाइटिस) से 209 लोगों की मौत हुई है। सबसे अधिक 116 मौतें बिहार में हुई हैं। वर्ष 2018 में देश में एईएस/जेई से 818 लोगों की मौत हुई थी।
नेशनल वेक्टर बार्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम ( एनवीबीडीसीपी) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार देश में जनवरी से जून माह तक एईएस से 3365 व्यक्ति प्रभवित हुए जिसमें 179 की मौत हो गई। इस अवधि में जेई से 321 व्यक्ति बीमार पड़े जिसमें 30 की मौत हो गई।
एईएस से सबसे अधिक मौतें बिहार में हुई हैं। इन आंकड़ों के अनुसार बिहार में एईएस से छह महीनों में 525 व्यक्ति बीमार हुए जिसमें 116 की मौत हो गई। यूपी में इस अवधि में एईएस के 482 केस और 17 मृत्यु की रिपोर्ट हुई है। पश्चिम बंगाल में एईएस के 266 मरीज मिले जिसमें 16 की मौत हो गई।
जेई से सर्वाधिक प्रभावित आसाम है। इन छह महीनों में आसाम में जेई के 69 केस आए जिसमे 21 की मौत हो गई। बिहार में जेई से एक और यूपी में दो की मृत्यु दर्ज हुई है।
ओडीसा और तमिलनाडू में एईएस और जेई के केस बड़ी संख्या में रिपोर्ट हुए हैं लेकिन इस बीमारी से मृतकों की संख्या कम है। ओडीसा में एईएस के 611 मरीज मिले जिसमें से एक की मौत हो गई। इस राज्य में जेई के 55 केस और एक मृत्यु रिपोर्ट हुई है। तमिलनाडू में एईएस के 329 और जेई के 65 केस रिपोर्ट हुए लेकिन किसी मरीज की मौत नहीं हुई। झारखंड में एईस के 305 केस और दो मृत्यु रिपोर्ट की गई है।