साहित्य - संस्कृति

इप्टा ने प्रेमचन्द की कहानी पर आधारित नाटक ‘ चमत्कार ’ का मंचन किया


प्रेमचन्द पार्क में प्रेमचन्द जंयती कार्यक्रम का पहला दिन

गोरखपुर। प्रेमचन्द जयंती पर प्रेमचन्द साहित्य संस्थान द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम के पहले दिन आज भारतीय जन नाट्य संघ इप्टा की गोरखपुर इकाई ने आज प्रेमचन्द पार्क में प्रेमचन्द की कहानी पर आधारित नाटक ‘चमत्कार ’ का मंचन किया।
चमत्कार कहानी चन्द्र प्रकाश नाम के एक युवक की कहानी है जो बीए पास कर बेरोजगार था। उसे गांव के ठाकुर साहब के बेटे को ट्यूशन पढ़ाने का काम मिल गया। ठाकुर साहब ने अपने अपने मकान से सटा मकान उसे रहने के लिए दे दिया। चन्द्र प्रकाश की शादी भी हो गई और वह पत्नी चम्पा के साथ रहने लगा लेकिन गरीबी उसे परेशान करती थी। ठाकुर साहब के बेटे की शादी का सारा इंतजाम करते समय उसने गहनों की खरीद की और उसकी नीयत डोल गई। उसने गहने चुरा लिए। जब संदेह उस पर गया तो उसने ठाकुर साहब का कमरा छोड़ दिया और दूसरे मकान में रहने लगा।
कुछ दिन बाद उसकी पत्नी चम्पा को भी चन्द्र प्रकाश द्वारा गहनों की चोरी किए जाने का पता चल गया। इससे वह ग्लानि से भर गई लेकिन पति की प्रतिष्ठा की चिंता करते हुए उसने इसकी जानकारी न ठाकुर साहब को दी न चन्द्र प्रकाश को। इसी बीच चन्द्र प्रकाश को बैंक में नौकरी का अवसर मिला लेकिन जमानत देने के लिए उसके पास दस हजार रूपए नहीं दिए। यह बात ठाकुर साहब को पता चली तो उन्होंने जमानत दी और चन्द्रप्रकाश को नौकरी मिल गई। इससे चन्द्र प्रकाश ग्लानि व पश्चाताप से भर उठा।
उसने नौकरी मिलने की खुशी में ठाकुर साहब को दावत दी और जब ठाकुर साहब सपरिवार उसके घर आए तो चुपके से उसने चोरी किए गए सभी गहने उनके घर रख दिए। ठाकुर साहब इस घटना को दैवी चमत्कार माने।
इस कहानी को इप्टा के कलाकारों ने करीब 45 मिनट की प्रस्तुति  में शानदार ठंग से मंचित किया। डा. मुमताज खान ने कहानी का नाट्य रूपान्तरण किया था और निर्देशन भी। चन्द्र प्रकाश की भूमिका में शिशिर बोस ने बढ़िया अभिनय किया। ठाकुर साहब की भूमिका संजय प्रकाश सत्यम, ठकुराइन की भूमिका सोनी निगम और चंपा की भूमिका में प्रियंका अग्रहरि ने निभायी। अन्य पात्रों की भूमिका में अभिषेक, शहनवाज, एमके तिवारी, आसिफ सईद, एम शंकर सिन्हा, विनोद चन्द्रेश, रीना श्रीवास्तव ने की। गायन मंडली में शैलेन्द्र निगम, कुसुम देवी व राम आसरे थे। परिधान एवं मंच परिकल्पना सीमा मुमताज, रूप सज्जा राम बहाल की थी। धर्मेेन्द्र दुबे एवं सगुण श्रीवास्तव ने प्रस्तुति में सहयोग दिया।
नाट्य प्रस्तुति के लिए इप्टा के वरिष्ठ कलाकार राम आसरे को वरिष्ठ कवि रवीन्द्र श्रीवास्तव उर्फ जुगानी भाई ने सम्मानित किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रेमचन्द साहित्य संस्थान के सचिव मनोज कुमार सिंह ने किया। कार्यक्रम में प्रो राजेश मल्ल, डा. रामनरेश, आसिम रउफ, मो. कामिल, सुजीत श्रीवास्तव, एके जैसवाल, बैजनाथ मिश्र, जेएन शाह, सुरेश सिंह, श्रवण कुमार, विकास कुमार, ओंकार सिंह, आदि उपस्थित थे।
‘ किस्से प्रेमचन्द ‘  और ‘ मानसरोवर ‘ की प्रस्तुति आज 

आयोजन के दूसरे दिन 31 जुलाई को दोपहर एक बजे प्रेमचन्द पार्क में अलख कला समूह द्वारा प्रेमचन्द की तीन कहानियों पर आधारित नाट्य प्रस्तुति ‘ किस्से प्रेमचन्द ‘ के मंचन किया जाएगा। इसके बाद दो बजे द राईटर्स अड्डा द्वारा 12 युवा रचनाकारों की प्रस्तुति का कार्यक्रम ‘ मानसरोवर ’ होगा। इस अवसर पर प्रेमचन्द साहित्य संस्थान की पत्रिका ‘ कर्मभूमि ’ और पतहर द्वारा प्रेमचन्द साहित्य संस्थान के पूर्व अध्यक्ष प्रख्यात साहित्यकार प्रो परमानंद श्रीवास्तव पर केन्द्रित अंक का लोकार्पण किया जाएगा।

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