कुशीनगर. भारतीय किसान यूनियन (भानु) के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह ने 10 अक्टूबर को मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन कप्तानगंज के उपजिलाधिकारी एआर फारुकी, को सौंप कर लक्ष्मीगंज चीनी मिल चलवाने की मांग की.
ज्ञापन में कहा गया है कि लक्ष्मीगंज चीनी मिल क्षेत्र में 5 महीने पेराई करने भर का गन्ना पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहता है लेकिन सरकार द्वारा लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल चलवाने के जगह गन्ना दूसरे चीनी मिलो को आवंटित कर चुप्पी साध ली जाती है. लक्ष्मीगंज समिति में 7 से 8 वर्षों में गन्ना क्षेत्र मे बढ़ोतरी हुई है और उत्पादन भी बढ़ा है लेकिन इस बन्द चीनी मिल को चलवाने के लिये सरकार कोई रूचि नहीं दिखा रही है.
ज्ञापन में श्री सिंह ने कहा है कि नई पिपराईच चीनी मिल पिछले पेराई सत्र 2018-19 में मात्र 20 से 22 दिन ही चली क्योकि चुनाव में नही चलती तो भाजपा के वोट बैंक मे कमी हो जाता. पिपराईच चीनी मिल शुरू हो जाने के वजह से प्रदेश सरकार बधाई के पात्र है कि पूर्वांचल का विकास हुआ लेकिन लक्ष्मीगंज परिक्षेत्र का किसान जानना चाहता है कि जब पिपराईच क्षेत्र मे मात्र 1200 से 1400 हेक्टेयर भूमि मे ही गन्ना है और वहां का गन्ना उत्पादन लगभग 5 लाख कुन्तल है तो वहां नई चीनी मिल लगा दी गयी क्योकि वह सीएम संसदीय क्षेत्र है. लेकिन उन क्षेत्रों को अनदेखा कर दिया गया जहा के गन्ने से तीन-तीन चीनी मिलें चलायी जाती हैं. ऐसा क्यों किया गया ? क्या इसका जबाब राज्य सरकार के पास है ?
ज्ञापन में प्रदेश सरकार पर कुशीनगर के किसानों के साथ सौतेला व्यवहार का आरोप लगते हुए कहा गया है कि लक्ष्मीगंज चीनी मिल का जीर्णोद्वार सरकार नही करा सकती है तो लक्ष्मीगंज समिति क्षेत्र का गन्ना चंद साहुकारो के कहने पर सरकार आवंटित नहीं कर सकती है ? लक्ष्मीगंज क्षेत्र से हर वर्ष 40 से 45 लाख कुन्तल गन्ना तीन चीनी मिलों को जाता है जिसमें रामकोला चीनी मिल 20 से 25 लाख, ढाढा चीनी मिल को 5 से 7 लाख, और कप्तानगंज चीनी मिल को 10 से 15 लाख कुन्तल गन्ना लक्ष्मीगंज परिक्षेत्र से दिया जाता है. पेराई सत्र 2018-19 में राज्य सरकार की गलत नीतियों के वजह से लक्ष्मीगंज परिक्षेत्र का लगभग 07 लाख कुन्तल गन्ना बिहार के गोपालगंज चीनी मिल को चला गया. लक्ष्मीगंज परिक्षेत्र का किसान लगभग 2 लाख कुन्तल गन्ना कौडियों के भाव क्रेशर पर देने के लिये मजबूर हो गया.
श्री सिंह ने लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल को चलवाने या इस जगह पर नया चीनी मिल लगवाने के लिये तत्काल घोषणा करने की मांग करते हुए कहा कि यदि किसानों की माँगों पर राज्य सरकार द्वारा अविलम्ब कोई कार्यवाही नही की जाती है तो यूनियन ऐसे किसान विरोधी सरकार की नीव हिलाने का कार्य करेगा.
इस मौके पर हरि जी, रामप्यारे शर्मा, चेतेई प्रसाद, भोरिक यादव, रामाधार प्रसाद, बंशबहादुर विश्वकर्मा, चांदबली,राधे प्रसाद, खुर्शेद आलम,कबूतरी देवी, लक्ष्मी प्रसाद के साथ साथ अन्य कार्यकर्ता और किसान उपस्थित रहे.