आन्ध्र प्रदेश, पश्चिम बंगला और महाराष्ट्र में एम्स के लिए 1500 करोड़ से अधिक का बजट लेकिन गोरखपुर के लिए 1011 करोड़ स्वीकृत
गोरखपुर हेल्थ फोरम ने केन्द्र सरकार से स्पष्टीकरण देने को कहा
गोरखपुर, 22 जुलाई। शिलान्यास के पहले गोरखपुर के एम्स के लिए कैबिनेट द्वारा 20 जुलाई को लिए गए फैसले से यहां के लोगों की आशंकाएं सही साबित हुई हैं। गोरखपुर का एम्स देश के अन्य स्थानों पर एम्स के मुकाबले आकार में छोटा होगा। अन्य स्थानों पर एम्स 900 बेड का है जबकि गोरखपुर के एम्स को 750 बेड का ही बनाने की घोषणा की गई है। यही नहीं आन्ध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में बन रहे एम्स के मुकाबले गोरखपुर के एम्स के लिए बहुत कम धन 1011 करोड़ रूपए ही स्वीकृत किया गया है जबकि इन तीनों स्थानों पर एम्स के लिए 1500 करोड़ से अधिक धन स्वीकृत किया गया है।
20 जुलाई को कैबिनेट द्वारा लिए गए फैसले के मुताबिक गोरखपुर में एम्स के लिए 1011 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। यह उत्तर प्रदेश का दूसरा तथा देश का 12वां एम्स है। गोरखपुर में स्थापित होने वाला एम्स 750 बेड का का होगा। इसके पूर्व जहां भी एम्स स्थापित हुए हैं वह 900 बेड के हैं। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के लिए पहले चरण में बिहार में पटना, उत्तराखं डमें ऋषिकेश, छत्तीसगढ़ में रायपुर, मध्य प्रदेश में भोपाल, ओडीसा में भुवनेश्वर और राजस्थान में जोधपुर में एम्स स्थापित हुआ है। इन्हें वर्ष 2006 में स्थापित करने का निर्णय लिया गया था और सभी के लिए 820 करोड़ रूपए स्वीकृत किया गया। दूसरे चरण में वर्ष 2008 में यूपी में रायबरेली में एम्स स्वीकृत हुआ और इसके लिए 823 करोड़ रूपए स्वीकृत हुआ। रायबरेली के एम्स के लिए चार वर्ष तक भूमि नहीं मिल पाई। वर्ष 2012 में अखिलेश सरकार ने एम्स के लिए भूमि दी और अब इसका निर्माण चल रहा है।
तीसरे चरण में केन्द्र सरकार ने आन्ध्र प्रदेश में गुंटुर के निकट मंगलागिरी, पश्चिम बंगाल में कल्याणी, महाराष्ट मंे नागपुर, उत्तर प्रदेश में गोरखपुर, असोम में कामरूप के साथ-साथ जम्मू, काश्मीर, हिमांचल प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडू और बिहार में एम्स बनाना निश्चित हुआ। इसमें से मंगलागिरी, कल्याणी और नागपुर में भूमि चयन होने के बाद ही बजट जारी कर दिया गया।
महराजगंज के भाजपा सांसद पंकज चैधरी द्वारा 29 अप्रैल को लोकसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया था कि मंगलागिरी, कल्याणी और नागपुर में एम्स के लिए क्रमशः 1618 करोड़, 1754 करोड़ और 1577 करोड़ रूपया स्वीकृत किया गया है।
गोरखपुर हेल्थ फोरम कंे संयोजक एवं गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो राधे मोहन मिश्र ने आरोप लगाया है कि गोरखपुर में कम भूमि वाले स्थान को चयनित करने के कारण यहां के एम्स का आकार छोटा कर पूर्वांचल की जनता के साथ धोखा किया गया है। उन्होंने बताया कि नागपुर में 150 एकड़, मंगलापुरी में 193 एकड़ और कल्याणी में 179 एकड़ भूमि में एम्स बन रहा है। वहां मानक के अनुरूप 900 बेड का एम्स बन रहा है। पहले जिन राज्यों में एम्स बने हैं वह भी 900 बेड के हैं लेकिन गोरखपुर के एम्स को 750 बेड तक ही सीमित किया गया है और बजट भी 1011 करोड़ दिया गया है। इस बारे में शिलान्यास करने आ रहे प्रधानमंत्री और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को स्पष्टीकरण देना चाहिए।
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