देवरिया. अखिल भारत शिक्षा अधिकार मंच के आह्वान पर राष्ट्रीय स्तर पर मोदी सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के पांचवे मसौदे का विरोध करते हुए विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा 17 जनवरी को सुभाष चौक देवरिया में उसको सार्वजनिक रूप से जलाया गया। प्रतिनिधियों ने इसे इस मसौदे को जनविरोधी, संविधान विरोधी बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की।
विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने इस बात पर चिंता व्यक्त किया कि इस शिक्षा नीति की अब तक प्रस्तुत पांचों मसौदों में परस्पर विरोधी बातें लिखी गई हैं। इनके यहां हर एक विचार एवं सिफारिश पेश करने के बाद उसके ठीक विपरीत विचार एवं सिफारिश लिख दी गई है। इसमें नीति आयोग के निर्णय के अनुसार 80% सरकारी प्राथमिक विद्यालयों को बंद करते हुए थोड़े से शैक्षिक काम्प्लेक्स बनाने और उन्हें सरकारी खर्चे के बजाय कारपोरेट सहयोग एवं शर्तों पर चलाने की नीति बनाने की नीति है। अधिकतम अस्थाई शिक्षकों के भरोसे संचालित होने वाले यह अधिकांश स्कूल अधिकतर आबादी को शिक्षा से बाहर करने वाले होंगे । यह शिक्षा को पूर्णतया मुनाफाखोरी एवं सांप्रदायिक एजेंडे पर चलाने का मसौदा है। इसे पूरी तरह रद्द करना होगा।
इस मसौदे में शिक्षा को पूरी तरह केंद्र सरकार के मातहत करते हुए उसके प्रादेशिक स्वायत्तता को खत्म किया जाना है ।यह शिक्षा नीति देश की शिक्षा को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) और विदेशी वित्तीय एजेंसियों के हवाले करने के दरवाजे खोलता है। यह संविधान में दिए गए समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14 ) भेदभाव से मुक्ति (अनुच्छेद 15 )व सामाजिक न्याय (अनुच्छेद 16) के मौलिक अधिकारों का मखौल उड़ाता है ।
इस मसौदे में आरक्षण पर भी कोई चर्चा नहीं है। कौशल विकास के नाम पर लोगों को शिक्षा से बाहर करते हुए सस्ते मजदूर बनाने का उपक्रम है।
प्रतिनिधियों ने कहा कि आज कोठारी आयोग 1968 एवं इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले 2015 को संज्ञान में रखते हुए केजी से पीजी तक सरकारी (सार्वजनिक) खर्च से संचालित ,पूरी तौर पर मुफ्त और मातृ भाषाओं पर टिकी हुई समान शिक्षा व्यवस्था लागू करो जिसमें हर तरह की गैर बराबरी दूर की जाए और विविधताओं को शामिल किया जाए।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मसौदा दहन के कार्यक्रम में समान शिक्षा आंदोलन के प्रतिनिधि डॉक्टर चतुरानन ओझा, पूर्व सांसद आस मोहम्मद अंसारी, सीपीआई (एमएल )के जिला सचिव रामकिशोर वर्मा, भाकपा (माले )रेड स्टार के नेता कामरेड बाबूराम शर्मा ,राष्ट्रीय समानता दल के नेता संजय दीप कुशवाहा, एपावा की गीता पांडे, सविता यादव, हंस नाथ यादव, कृपाशंकर, पूर्वांचल
छात्र संघर्ष समिति के मण्डल अध्यक्ष अरविंद गिरी, परवेज आलम मंसूरी, गुड्डू चौधरी ,अजीत सिंह, सत्य प्रकाश चौधरी आदि ने मुख्य रूप से हिस्सा लिया।