बढ़नी (सिद्धार्थनगर). अपनी मातृभाषा का सम्मान और संरक्षण हम सबको करना चाहिए। मातृभाषा में दी गयी शिक्षा सफलता के मार्ग को प्रशस्त करती है. अनेक देशों में शिक्षा वहां की मातृभाषा में ही दी जाती है.
यह विचार कृष्णा नगर नेपाल के मेयर रजत प्रताप शाह ने व्यक्त किया। श्री शाह शुक्रवार को रहमानी कैम्पस के सभागार में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के मौके पर आयोजित एक सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। सेमिनार का आयोजन राष्ट्रीय मदरसा संघ नेपाल ने किया था। शाह ने कहा कि मातृभाषा में दी गयी आरंभिक शिक्षा को बच्चे आसानी से समझते और ग्रहण करते हैं। शाह ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम साहब को उद्धृत करते हुए कहा कि कलाम साहब ने कहा था कि मैं एक अच्छा वैज्ञानिक इस लिए बन पाया क्योंकि मुझे आरंभिक शिक्षा अपनी मातृभाषा में मिली।
राष्ट्रीय मदरसा संघ के अध्यक्ष डॉ अब्दुल गनी अलक़ूफ़ी ने कहा कि नेपाल सरकार को चाहिए कि हमारी मातृभाषा उर्दू के विकास के लिए प्रयास करे। डॉ क़ूफ़ी ने कहा कि सरकार को उर्दू में निकलने वाले पत्र पत्रिकाओं को सब्सिडी देनी चाहिए, उर्दू एकेडमी का गठन कर उर्दू भाषा के साहित्य को फ़रोग़ देना चाहिए. उर्दू भाषा को रोजगार परक बनाने के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए।
तालीमी बेदारी के प्रदेश अध्यक्ष सग़ीर ए ख़ाकसार ने कहा कि मातृभाषा दिवस का मुख्य उद्देश्य बहुभाषावाद को बढ़ावा देना है और गुम हो रही बोलियों को संरक्षित करना है।मदरसा संघ के सचिव मौलाना मशहूद नेपाली ने आये हुए अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
इस मौके पर उप मेयर प्रतिनिधि तुफैल अहमद,संजय गुप्ता, सग़ीर अहमद खान,साकिर अली शाह,डीएसपी सुशील शाही,मौलाना मन्नान सल्फी,मौलाना अज़ीम मदनी,मौलाना असलम ,मौलाना रशीद,ज़ाहिद आज़ाद झंडा नगरी,अकरम पठान,राहुल मोदनवाल,अजय मिश्रा,सलमान हिंदी,डॉ कुद्दुस, मौलाना शकूर,मो0 अहमद,दिनेश गुप्ता,आदि की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।इस मौके पर उर्दू,हिंदी अवधी, भोजपुरी भाषा के विकास में उल्लेखनीय योगदान देने वाले करीब दो दर्जन विभूतियों को सम्मानित भी किया गया।सेमिनार का संचालन डॉ अब्दुल गनी ने किया।