गोरखपुर। कोरोना वायरस के खौफ के मद्देनजर शहर की तकरीबन तमाम मस्जिदों को अवाम के लिए बंद कर दिया गया है। तमाम मस्जिदों में अवाम से कह दिया गया है कि वह मस्जिद में बिल्कुल न आयें बल्कि घर पर नमाज पढ़ें।
शुक्रवार को जुमा की नमाज अदा करने के लिए भी अवाम को इजाजत नहीं दी गयी। मस्जिदों से बार-बार ऐलान किया जा रहा है कि अवाम नमाज पढ़ने मस्जिद में न आयें। तमाम मस्जिदों के बाहर नोटिस चस्पा कर दी गयी है। जामा मस्जिद वजीराबाद कालोनी के दरवाजे पर नोटिस लगी है कि जुमा व दूसरी नमाजों के लिए मस्जिद का रुख न करें। घर पर ही नमाज पढ़े। इस तरह का नोटिस ज्यादातर मस्जिदों पर कमेटियों द्वारा चस्पा किया जा चुका है।
यह नोटिस 14 अप्रैल तक के लिए लगाया गया है। कई मस्जिदों के बाहर ताला भी लटक रहा है। हालांकि शहर की मस्जिदों में पांच वक्त व जुमा की नमाज इमाम, मोअज्जिन व चंद लोग मस्जिद में अदा कर रहे हैं। माइक से अज़ान भी दी रही है। प्रशासन की तरफ से इस पर रोक भी नहीं है। कमेटियों ने नमाज पढ़ने की रोक आम अवाम के लिए लगायी गयी है, वह भी उलेमा के कहने पर।
वहीं मस्जिद के इमाम, मोअज्जिन व कमेटियों में लॉकडाउन के दौरान पुलिसिया खौफ भी नज़र आ रहा है। हालांकि लॉकडाउन के दौरान पुलिस ने शहर के किसी इमाम, मोअज्जिन व नमाज पढ़ने वालों के साथ कोई बदसुलूकी नहीं की है।
बहरहाल यह पहला ऐसा मौका है जब मस्जिदों के माइक व नोटिस के जरिए अवाम को मस्जिद में आने से रोका जा रहा है ताकि कोरोना वायरस व पुलिसिया कार्रवाई से लोग बच सकें। यह सिलसिला लॉकडाउन तक यूं ही चलता रहेगा। मुस्लिम समुदाय का त्यौहार शब-ए-बरात लॉकडाउन के दौरान 9 अप्रैल को है जिसको लेकर मुस्लिम समुदाय में बेचैनी है। वहीं अप्रैल से ही पवित्र माह रमजान भी शुरु होने वाला है। अगर लॉकडाउन बढ़ा तो मुस्लिम समुदाय की परेशानियों में इजाफा होने की संभावना है।