[highlight]घण्टों खतरे के निशान के करीब रहा नारायणी का जलस्तर
नदी सटे गांवों में रात भर जगे रहे लोग
रात भर बंधो पर डटे रहे मजिस्ट्रेट व सिचाई अभियंता[/highlight]
निचलौल (महराजगंज), 27 जुलाई। पडोसी देश नेपाल में भारी बारिश से घोषित हाई अलर्ट और लगातार बढते नदियों के जलस्तर को देखते हुये भारतीय क्षेत्रों में भी अफसर पूरी रात सतर्क रहे। खतरे के निशान तक पहुंची नारायणी नदी के लगातार घटते -बढते जलस्तर के मद्देनजर डीएम के निर्देश पर पूरी रात अन्तर्राष्ट्रीय तटबंधों पर जिले के सिचाई विभाग के अफसर व तहसीलदार पेट्रोलिंग करते रहे। खौफ के साये में जी रहे लोगों जागती आंखो में जैसे तैसे रात काटी। सुबह नदी के जलस्तर में कमी होने पर लोगो व अफसरों ने राहत की सांस ली।
पिछले तीन दिन से पहाडों पर बरसात के चलते नेपाल सरकार ने नेपाल में हाई अलर्ट घोषित कर दिया था।नेपाली सेना, प्रहरी, सिंचाई विभाग व अन्य सरकारी कर्मचारियों की छुट्टी कैंसिल कर दी गई थी। नेपाल सरकार ने बाढ बचाव व राहत कार्य को लेकर पुरी ताकत झोंक दिया था। नेपाल के नारायण घाट पर मंगलवार की शाम करीब साढे चार बजे नारायणी का डिस्चार्ज 5.55 लाख क्यूसक होने पर जिले में भी डीएम ने एहतियातन सीमाई अफसरों को अलर्ट करते हुये अन्तर्राष्ट्रीय तटबंधों पर सिचाई विभाग को खास सावधानी बरतने को कहा।
रात ढाई बजे से सुबह सात बजे तक लगातार नदी का जलस्तर 3 लाख 60 हजार क्यूसेक बना रहा। एक्सीएन, एसडीओ सहित तीन अभियंता पूरी रात अन्तर्राष्ट्रीय तटबंध बी गैप पर जमे रहे। साथ ही तहसीलदार केशव प्रसाद, सीओ व थानाध्यक्ष निचलौल मय फोर्स एनसी बांध से लेकर सीमाई क्षेत्रों में पेट्रोलिंग कर बाढ बचाव व सुरक्षा कार्य में लगे रहे। बंधों से सटे कनमिसवां भेडिहारी डोमा बैठवलिया बहुआर व मिश्रवलिया के लोगों ने जाग कर रात गुजारी। सुबह करीब आठ बजे जलस्तर घटने पर लोगों ने राहत की सांस ली।