गोरखपुर। बीआरडी मेडिकल कालेज में 30 मार्च की सुबह इलाज के दौरान मरे कोविड-19 संक्रमित मरीज के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष सम्पर्क में आने वाले 40 से अधिक लोगों को क्वारंटाइन किया गया है. इसमें बस्ती जिला अस्पताल, बीआरडी मेडिकल कालेज के चिकित्सा कर्मी, मरीज को लाने वाले एम्बुलेंस चालक, शव को लेकर जाने वाले बोलेेरो चालक के अलावा मृतक के परिजन हैं.
बस्ती के तुर्कहिया का 25 वर्षीय युवक 29 जनवरी को इलाज के लिए दोपहर 3.42 बजे बीआरडी मेडिकल कालेज में भर्ती हुआ. उसकी अगले दिन 30 मार्च की सुबह 8 बजे मृत्यु हो गयी. वह करीब 17 घंटे बीआरडी मेडिकल कालेज में रहा. इस दौरान सबसे पहले वह ट्रामा सेंटर, फिर मेडिसिन विभाग के वार्ड संख्या 14, इसी वार्ड के आईसीयू और कोरोना वार्ड में रहा.
बस्ती जिला अस्पताल और बीआरडी मेडिकल कालेज प्रशासन का कहना है कि मरीज के परिजनों ने मरीज की बीमारी के बारे में सभी तथ्य नहीं बताए. इसी कारण उसे सीधे कोरोना वार्ड में नहीं भर्ती किया जा सका. बस्ती जिला अस्पताल और बीआरडी मेडिकल कालेज के मेडिसिन वार्ड में भर्ती रहने के कारण वार्ड में भर्ती मरीजों के परिजनों को भी चिन्हित कर एहतियातन क्वारंटाइन किया जा रहा है. बस्ती का कोरोना मरीज जब इलाज के लिए वार्ड संख्या 14 में भर्ती हुआ था तब 54 बेड वाले इस वार्ड में चार दर्जन मरीज भर्ती थे.
बीआरडी मेडिकल कालेज में दो रेजीडेंट डाॅक्टर समेत आठ चिकित्सा कर्मियों को संस्थागत तौर पर क्वारंटाइन किया गया है. इनमें दो लैब टेक्नीशियन हैं जिन्होंने मरीज की मौत के बाद उसकी लार का नमूना लिया था.
बस्ती जिला अस्पताल में मरीज का इलाज करने वाले डाॅक्टर व उनके स्टाफ को भी क्वारंटाइन किया गया है. यहां पर मरीज 28 से 30 मार्च तक दो दिन भर्ती रहा.
जिला अस्पताल में भर्ती होने के पहले मरीज का इलाज 20 से 28 तक दो निजी चिकित्सकों ने किया.
मिली जानकारी के अनुसार मरीज को बस्ती से 108 एम्बुलेंस मंे लाया गया था। इस कारण एम्बुलेंस के चालक और सहायक को क्वारंटाइन किया गया है। मरीज की मौत हो जाने के बाद उसे एक बोलेरो से बस्ती ले जाया गया था। बोलेरो चालक बाद में वाराणसी भी गया था। वह कुशीनगर जिले का रहने वाला है। इस कारण बोलेरो चालक के अलावा उससे सम्पर्क में आने वाले चार लोगों को क्वारंटाइन किया गया है।
मरीज के साथ चार परिजन बस्ती से तथा गोरखपुर से एक रिश्तेदार आए-गए। उन सभी के साथ उनके सम्पर्क में आने वालों को क्वारंटाइन किया गया है। मरीज की अत्येंष्टि में भाग लेने वाले लोगों को भी चिन्हित कर क्वारंटाइन किया गया है। इसके अलाव मरीज के घर के आस-पास के क्षेत्र को सील कर उसे सेनेटाइज्ड किया गया है।
मरीज के गोरखपुर के चार परिजनों को जिला अस्पताल में क्वारंटाइन किया गया है।
प्रोटोकाल के मुताबिक कोरोना मरीज के प्रत्यक्ष सम्पर्क में आने वाले लोगों को संस्थागत तौर पर क्वारंटाइन किया जाता है जबकि अप्रत्यक्ष सम्पर्क में आने वाले लोगों को होम क्वारंटाइन किया जाता है।