बढनी (सिद्धार्थ नगर). कोरोना महामारी से नेपाल और भारत दोनों देशों में लॉक डाउन है. बलरामपुर ज़िले के 36 धार्मिक पर्यटक नेपाल के कृष्णानगर में लॉक डाउन की वजह से फंसे हुए हैं. इन श्रद्धालुओं के बारे में जानकारी होने पर नेपाल मदरसा बोर्ड और हेरा शैक्षिक तथा मानवीय सेवा समाज के अहम ज़िम्मेदार अपनी टीम के साथ पूरी शिद्दत से मदद में जुट गए हैं. श्रद्धालुओं में महिलाएं, बच्चे और बच्चियां भी हैं. मंगलवार को इन श्रद्धालुओं में राहत सामग्री भी वितरित की गयी.
राष्ट्रीय मदरसा संघ नेपाल के अध्यक्ष डॉ अब्दुल गनी अलक़ूफ़ी ने बताया कि ये सभी श्रद्धालु यूपी के बलरामपुर जिले के रहने वाले हैं. नेपाल के धार्मिक आस्थागत महत्व के स्थल त्रिवेणी धाम से वापस लौट रहे थे कि इसी बीच नेपाल और भारत दोनों देशों में लॉक डाउन हो गया और दोनों देशों की सीमाएं सील हो गईं. ये श्रद्धालु यही फंस गए. सभी को मदरसा बोर्ड की तरफ से राहत सामग्री चावल 70 किलो ग्राम,दाल 25 किग्रा ,आटा 25 किग्रा,आलू 25 किग्रा व अन्य खाना बनाने के ज़रूरी समान उपलब्ध करवा दिया गया है.
डॉ अलक़ूफ़ी ने कहा कि यह सभी इंसानों के लिए मुश्किल वक़्त है. हम सबको जाति धर्म से ऊपर उठकर मानवता की सेवा करनी होगी.राष्ट्रीय मदरसा संघ महासचिव मौलाना मशहूद नेपाली ने कहा कि मानव सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है. हम सब इन श्रद्धालुओं के साथ हैं. इन्हें कोई दिक्कत नही होगी.अभी राहत सामग्री उपलब्ध करवा दी गयी है. हम लोग संपर्क में बने हुए हैं. आगे भी ज़रूरी सुविधाएं और समान मुहैया कराया जाएगा.
धार्मिक पर्यटक शंकर पंडा, बृंदवान, लालू पंडा, झगरू पंडा, दुर्गा,और करन ने बताया कि हम सभी बलरामपुर के रहने वाले हैं.श्रद्धालुओं ने मदरसा बोर्ड के कारकुनों की दिल से प्रशंसा की. राहत सामग्री वितरण में शेख जैस मक्की और वार्ड नंबर एक के अध्यक्ष टुगनाथ चौधरी की भूमिका महत्वपूर्ण रही.