पुष्टाहार के साथ शहरी क्षेत्र के जरूरतमंद लाभार्थियों तक पहुंचाया जाएगा मॉस्क
गोरखपुर. लॉकडाउन में बगैर किसी सरकारी आदेश या निर्देश के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने एक अनोखी पहल की है। शहरी क्षेत्र की मुख्य सेविकाओं और कार्यकर्ताओं ने घर में मौजूद कपड़ों से करीब 1000 ट्रिपल लेयर मॉस्क तैयार किया है। यह मुहिम जिला कार्यक्रम अधिकारी हेमंत सिंह की प्रेरणा से आईसीडीएस विभाग के वाट्स एप ग्रुप के जरिये शुरू हुई। तैयार किये गये मॉस्क पुष्टाहार के साथ शहरी क्षेत्र के हर जरूरतमंद लाभार्थी तक पहुंचाए जाएंगे।
मॉस्क देने के अलावा परिवार के उन सदस्यों जिनके पास स्मार्ट फोन हो, उनसे आरोग्य सेतु एप भी डाउनलोड करवाया जाएगा और उन्हें एप के इस्तेमाल का तरीका समझाया जाएगा।
शहरी बाल विकास परियोजना अधिकारी प्रदीप कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि जिला कार्यक्रम अधिकारी के सुझाव पर सबसे पहले मुख्य सेविका रूमा सिंह ने अपने घर पर मॉस्क तैयार किया। जब इसकी फोटो व सूचना ऑफिशियल वाट्स एप ग्रुप पर आई तो और लोग भी प्रेरित हुए। धीरे-धीरे आधा दर्जन मुख्य सेविकाएं और करीब सवा सौ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इस मुहिम का हिस्सा बन गईं। फिलहाल 1000 के करीब मॉस्क तैयार है और आगे भी यह कार्य जारी रहेगा।
रिश्तेदार से सीखा मॉस्क बनाना
सबसे पहले मॉस्क बनाने वाली मुख्य सेविका रूमा सिंह का कहना है कि उनकी रिश्तेदार स्वास्थ्य विभाग में हैं। उन्होंने रिश्तेदार से मॉस्क बनाने के तरीके को समझा और फिर थ्री लेयर मॉस्क बनाने में सफलता हासिल की। कई मुख्य सेविकाओं ने आईईसी मैटेरियल्स से मॉस्क बनाने का तरीका सीखा तो कुछ ने यू-ट्यूब से सीख कर मॉस्क तैयार किया है।
शहर में 25 हजार लाभार्थी
शहरी बाल विकास परियोजना अधिकारी ने बताया कि शहर में करीब 25 हजार बच्चे, गर्भवती व धात्री बतौर लाभार्थी पंजीकृत हैं। इन सभी के घर पुष्टाहार पहुंचाया जाएगा। इस काम में सोशल डिस्टेसिंग का पूरी तरह से पालन होगा।
आरोग्य सेतु पर फोकस
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने मॉस्क बनाने वाली सभी कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा है कि इससे जिले भर में बाकी फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने बताया कि जनपद में पुष्टाहार वितरण के दौरान इस बात पर फोकस रहेगा कि प्रत्येक परिवार को आरोग्य सेतु एप की जानकारी दी जाए और यह एप डाउनलोड कराया जाए। उन्होंने बताया कि जिले में करीब 3.5 लाख बच्चे, गर्भवती व धात्री लाभार्थी के तौर पर पुष्टाहार के लिए पात्र हैं।