बलरामपुर।अपनी कलम से एक अलग पहचान बनाने वाले पत्रकार फरीद आरजू एडवोकेट का यूँ ही अचानक चले जाना सबको अखर गया।मीडिया कर्मी,राजनेता,सामजिक कार्यकर्ता सभी को उनके यू ही दुनिया से चले जाना के मलाल है।अत्यंत प्रिय फरीद आरज़ू का बलरामपुर उतरौला मार्ग पर 9 जनवरी 2021 सांय लगभग चार बजे को एक्सीडेंट हो गया था। जिन्हें बहराइच से लखनऊ के लिए डॉक्टरों ने रेफर कर दिया था लेकिन कुदरत को कुछ और मंज़ूर था।उन्हें बचाया नहीं जिसका अब ओ हमारे बीच नहीं रहे।रविवार को उन्हें सुपर्द ए खाक कर दिया गया।
उतरौला के विधायक राम प्रताप वर्मा ने दुख प्रकट करते हुए कहा बहुत ही हंसमुख पत्रकार और अधिवक्ता थे पत्रकार फरीदा आरजू ! हमें उनके इस तरह कम उम्र में दुनिया छोड़कर चले जाने का बहुत ही दुख है।।बलरामपुर के जाने माने आई सर्जन एमिम नेता डॉ अब्दुल मन्नान कहते हैं कि फरीद आरज़ू का यूँ ही चले जाना हम सबको बिल्कुल भी अच्छा नही लगा। ज़िन्दगी की इस जंग में वो हार गये ।अब हमारे बीच नही रहे। ये सब कैसे कब क्या हो गया? यकीन नही हो रहा। यह कोई उम्र नहीं थी जाने की मगर अल्लाह की मस्लिहत को कौन टाल सकता है शायद यही मंज़ूर था हम सबके दिलो में व यादो में हमेशा महफूज रहेगे।
साजिद हॉस्पिटल के डायरेक्टर व मदर टेरेसा फाउंडेशन के राष्ट्रीय सचिव डॉ एहसान खान कहते हैं कि यकीन नही हो रहा है कि पत्रकार फरीद आरज़ू हम सबको छोड़कर चले गए । परिवार ,समाज,व अपने प्रोफेशन सब के प्रति बहुत ईमानदार थे। भाजपा बलरामपुर के मीडिया प्रभारी डीपी सिंह कहते हैं कि वो उन्हें अपने भाई की तरह मानते थे,वह सरल स्वभाव के थे उनके असमय चले जाने से मन बहुत उदास है।ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और परिवार को दुःख सहन करने की शक्ति दे।उतरौला के सामजिक कार्यकर्ता डॉ शेहाब ज़फर कहते हैं घर मे वो सब से ज़िम्मेदार थे और सामजिक कार्यों में बढ़चढ़कर हिस्सा लेते थे। अभी डेढ़ साल पहले ही शादी हुई थी ,उनके कोई बच्चा नही है।उनके चले जाना का सबको मलाला है।सामजिक कार्यकर्ता शादाब माविया कहते हैं कि मेरा दिल अफसुर्रदा और आंखे नम हैं।अभी दो दिन पहले तहसील में आपसे मुलाकात हुई थी औरअचानक एक सड़क हादसे में वरिष्ठ पत्रकार के इन्तेकाल की खबर सुनकर दिल बेहद उदास व परेशान हैं ।शादाब कहते हैं कि वह नरम मिज़ाज शख्सियत के मालिक थे ।
बलरामपुर तरंग के संपादक इमामुद्दीन ,निहाल अहमद, अंसार अहमद खान,एजाज़ मलिक,डॉ इफ्तेखार,आदि ने गहरे रंजो ग़म का इज़हार करते हुए खिराज ए अकीदत पेश की है।अलविदा !फरीद आरज़ू !