बहराइच पुलिस, संलाप-कोलकाता एवं देहात संस्था की संयुक्त कार्यशाला
बहराइच. “आजादी के 74 साल बाद भी भारत में मानव तस्करी जैसे अमानवीय अपराध का होना दुर्भाग्य की बात है। इसे रोकने में पुलिस के साथ साथ समाज की भी अहम भूमिका है। हमें मिलकर इसके विरूद्ध काम करना होगा।”
यह बात वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बहराइच डा0 विपिन कुमार मिश्र ने पुलिस लाईन सभागार में कही। वे स्वैच्छिक संस्थाओं संलाप-कोलकाता व देहात समाज कार्य संगठन तथा बहराइच पुलिस के संयुक्त तत्वावधान में “मानव तस्करी” के विरूद्ध आयोजित पुलिस प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे।
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता व संलाप- कोलकाता की कार्यक्रम समन्वयक ताप्ती भौमिक ने कहा कि ” मानव तस्करी के कुचक्र में एक बार फंसने के बाद बेटियों का जीवन प्रत्येक दृष्टि से पूरी तरह तबाह हो जाता है। आवश्यकता इस बात की है कि बेटियों को इस कुचक्र में फंसने के पहले ही कानूनों का व कानून प्रदत्त शक्तियों का सक्षम इस्तेमाल करके बचा लिया जाए।”
देहात संस्था के मुख्य कार्यकारी व चाईल्ड लाईन के निदेशक डा0 जितेन्द्र चतुर्वेदी ने कहा कि ” मानव तस्करी एक समस्या नहीं, बल्कि बहुत सारी समस्याओं और सामाजिक भेदभाव व वंचनाओ का अंतिम परिणाम है। हमें इसे रोकने के लिए इसकी जड़ों पर प्रहार करना होगा। ”
कार्यक्रम की समन्वयक देवयानी ने कहा कि ” मानव तस्करी पर आयोजित इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य इस समस्या से जमीन पर जूझ रहे पुलिस अधिकारियों को इससे जुड़े कानूनों व समस्या की गंभीरता के प्रति पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षित करना है।”
प्रशिक्षण के उपरांत मानव तस्करी की रोकथाम की प्रभावी रणनीति पर चर्चा कर कार्य योजना बनाई गई।
इस कार्यक्रम में समस्त थानों के बाल कल्याण पुलिस अधिकारी, महिला कांस्टेबल, देहात संस्था के मानव तस्करी रोधी कार्यक्रम- स्वरक्षा के समन्वयक हसन फिरोज, सामुदायिक कार्यकर्ता पवन यादव, देवेश, सरिता व चाईल्ड लाईन के कार्यकर्ताओें ने हिस्सा लिया।