गोरखपुर। तहरीक दावते इस्लामी इंडिया के एक प्रतिनिधिमंडल ने शहर के उलेमा-ए-किराम से मुलाकात की। दर्जनों दीनी किताबें उलेमा-ए-किराम को तोहफे में पेश की।
पटना बिहार से आये तहरीक के जिम्मेदार मौलाना सद्दाम हुसैन इमादी अत्तारी, मदरसा जामितुल मदीना तकिया कवलदह के प्रधानाचार्य मौलाना जफ़र मदनी अत्तारी, गोरखपुर जोन के निगरान फरहान अत्तारी आदि ने मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार में मुफ्ती अख्तर हुसैन (मुफ्ती-ए-गोरखपुर), मौलाना इदरीस निज़ामी, सूफी निसार अहमद, कारी सरफुद्दीन, कारी कासिम आदि से मुलाकात कर तहरीक की योजनाओं व कार्यक्रमों पर रौशनी डाली। लाइब्रेरी के लिए दर्जनों किताबें सौंपी। उलेमा-ए-किराम ने भी तहरीक के दीनी कामों को सराहा और दुआओं से नवाज़ा।
प्रतिनिधिमंडल ने चिलमापुर में मुफ्ती खुर्शीद अहमद मिस्बाही (काजी-ए-गोरखपुर), तुर्कमानपुर में मुफ्ती मो. अज़हर शम्सी (नायब काजी), रसूलपुर में मोती मस्जिद के इमाम मुफ्ती खुश मोहम्मद मिस्बाही से मुलाकात कर किताबें पेश की। तहरीक के लोगों ने नार्मल स्थित दरगाह हज़रत मुबारक खां शहीद अलैहिर्रहमां की बारगाह में हाजिरी पेश कर दुआएं मांगी।
बताते चलें कि दावते इस्लामी इंडिया कुरआन व सुन्नत की एक आलमगीर गैर सियासी तहरीक है। जिसका मकसद तालीम व तरबियत, अमन-शांति, सलाह-सलामती और लोगों का कल्याण करना है। साफ-सफाई और पौधारोपण की तालीम आम करना है। शराब के आदी और मां-बाप के नाफरमान लोगों को दीन-ए-इस्लाम से करीब करना और उन्हें एक अच्छा शहरी बनाना है