लखनऊ। बुधवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश के आंदोलनरत किसान संगठनों ने किसान आंदोलन में आपसी समन्वय स्थापित करने के लिए एक बैठक की। बैठक में प्रदेश में कार्यरत दो दर्जन संगठनों ने हिस्सा लिया तथा लगभग 10 अन्य संगठनों ने इस प्रयास में शामिल होने की हामी भरी है।
बैठक की अध्यक्षता अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड अतुल अंजान ने की और बैठक में चर्चा के लिए आधार वक्तव्य अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव कामरेड पुरुषोत्तम शर्मा ने रखा। बैठक अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश कार्यलय 22 कैशरबाग, लखनऊ में हुई।
बैठक में सर्व सम्मति से तय हुआ कि उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन को तेज करने के लिए सभी संगठनों को जोड़ कर ” उत्तर प्रदेश किसान समन्वय समिति ” बनाई जाएगी। इस समन्वय समिति में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति से जुड़े सभी संगठन, किसान संयुक्त मोर्चे से जुड़े सभी संगठन, गाजीपुर बॉर्डर कमेटी से जुड़े संगठन और इन तीनों संयुक्त मंचों से बाहर रह कर भी किसान आंदोलन में हिस्सा ले रहे यूपी के सभी संगठनों को शामिल किया जाएगा।
बैठक में प्रदेश भर में जिला/तहसील स्तर तक किसान संगठनों के बीच समन्वय को मजबूत करने, दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन को और ताकत देने, 9 अगस्त भारत छोड़ो दिवस पर प्रदेश भर में “मोदी गद्दी छोड़ो” अभियान चलाने, प्रदेश में ग्राम स्तरों पर किसान पंचायतें संगठित करने पर सहमति बनी है। नौ अगस्त को मऊ जिले के घोषी में एक किसान रैली आयोजित की जाएगी।
मुजफ्फर नगर, अवध, पूर्वांचल, मुरादाबाद और बुंदेलखंड क्षेत्रों में किसान रैलियां करते हुए अक्टूबर में लखनऊ में किसानों की एक बड़ी रैली करने पर सहमति बनी है। इन कार्यक्रमों की तारीखें बाद में घोषित की जाएंगी।
बैठक में भाग लेने वाले नेताओं में मुकुट सिंह (राज्य सचिव यूपीकेएस ), कॉमरेड इम्तियाज वराजेन्द्र यादव (एआईकेएस), ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा (एआईकेएम ), आत्मजीत सिंह (बीकेयू असली), धरम पाल (राज्य अध्यक्ष एआईकेएमएस), ऋचा सिंह (एनएपीएम), संदीप पांडेय (समाजवादी चिंतक), बृज बिहारी, दिनकर कपूर (मजदूर किसान मंच), अजय असुर नेता (जनवादी किसान सभा), लाल सिंह, अध्यक्ष ( भारतीय किसान यूनियन समाज ), बाबूराम शर्मा, अध्यक्ष (एआईकेकेएस), प्रबल प्रताप शाही, (बीकेयू असली), राजीव यादव (रिहाई मंच), सागर माहव (भारत नौजवान एकता मंच) प्रमुख हैं।