गोरखपुर। दीपदान आयोजन महोत्सव समिति कुशीनगर (D-MASK) द्वारा गोरखपुर मंडल के खत्तिय समाज के नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों का सम्मान समारोह सैंथवार मल्ल महासभा के संथागार भवन में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम भारी संख्या में खत्तिय समाज (सैथवार, मल्ल, मौर्य, कुर्मी, कुशवाहा आदि बुद्धकालीन गणजातियों लोगों का) जुटान हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एस.के. पटेल अपर निदेशक (सेवानिवृत) पंचायती राज विभाग, विशिष्ट अतिथि अनिल कुमार मल्ल, अध्यक्ष राष्ट्रीय सैंथवार मल्ल महासभा, गोरखपुर, एस.पी.सिंह पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं जिला पंचायत संघ के अध्यक्ष और राम बदन सिंह पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं जिला पंचायत संघ मंत्री थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महेंद्र प्रताप मल्ल, पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं जिला पंचायत संघ संगठन मंत्री के द्वारा की गई।
सम्मान समारोह कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथियों एवं कार्यक्रम अध्यक्ष के साथ-साथ सभी नवनिर्वाचित खत्तिय समाज के जिला पंचायत सदस्यों द्वारा तथागत बुद्ध की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। खत्तिय समाज की पहचान के रूप में रखे गए हलाकृति को भी पुष्प अर्पित कर श्रद्धा व्यक्त की गई।
इसके बाद मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों तथा कार्यक्रम अध्यक्ष का स्वागत किया गया। उपस्थित गोरखपुर मंडल के खत्तिय समाज के सोलह नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों को पुष्पमाला पहनाकर, उत्तरीय वस्त्र के साथ-साथ तथागत बुद्ध की प्रतिमा का मोमेंटो देकर अतिथियों द्वारा सम्मानित किया। सभी जिला पंचायत सदस्यों एवं अतिथियों ने हल को सम्मानपूर्वक उठाकर अपनी सामूहिक एकता प्रदर्शित की।
इस मौके पर दीपदान महोत्सव आयोजन समिति (D-MASK) के अध्यक्ष देवेंद्र प्रताप सिंह ने कार्यक्रम के उद्देश्य एवं आवश्यकता पर अपनी बात रखी। उन्होंने बुद्धकालीन इतिहास एवं खत्तिय समाज के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि बुद्ध समय में कपिलवस्तु के साथ शाक्य, पावा एवं कुसिनारा के मल्ल, पिप्पलीवन के मोरिय, अलकप्प के बुली एवं वैशाली के लिच्छवि आदि को खत्तिय जातियों के लोग कहा गया। आज के परिदृश्य में खत्तिय जातियों में सैंथवार, मल्ल, पटनवार, शाक्य, मौर्य, कोइरी, कुशवाहा, सैनी महतो, चौधरी, चनऊ, अवधिया आदि जातियां हैं। खेती कार्य के पेशे की वजह से खत्तिय समाज के बड़े हिस्से को कुर्मी समूह की उपजाति बताया गया है।
विशिष्ट अतिथि राम बदन सिंह ने कहा कि खत्तिय जातियों में आपसी फूट, इर्ष्या एक दूसरे से छोटा बड़ा, ऊंच नीच की भेदभावना से सभी आपस में बंटे एवं विखंडित हैं जिससे हम सभी अपेक्षित सामाजिक, राजनैतिक भागीदारी में पीछे हैं। खत्तिय जातियों के लोग हल संपदा (खेती बारी) से संपन्न हैं, शांत एवं ईमानदार एवं नैतिकता से भरपूर हैं। यह गुण इनके आदिपूर्वज तथागत की सीखों से परम्परा से चला आ रहा है। समाज में आज भी इनकी ऐसी पहचान बनी हुई है। आज आपसी भेदभाव भूलकर सामाजिक राजनैतिक रूप से एक होने की आवश्यकता है।
विशिष्ट अतिथि एस.पी. सिंह ने जिला पंचायतों के वर्तमान दशा एवं खत्तिय समाज की राजनीतिक जागरूकता विषय पर वक्तव्य देते हुए कहा कि वर्तमान में जिला पंचायत सदस्यों के अधिकार एवं कर्तव्यों में लगातार कटौती की जा रही है, जो पंचायती राज व्यवस्था के लिए शुभ नहीं है। सरकारों द्वारा दिन प्रतिदिन जिला पंचायत सदस्यों के अधिकार एवं हकों में कटौती से क्षेत्र की जनता को विकास कार्यों से संतुष्ट कर पाना असंभव हो गया है। ऐसे में नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों को सलाह है कि वे अपनी ख्याति को बचाये रखने के लिए जनता के सुख-दुख में लगातार सहभागी बने। यही उनकी उपलब्धि और साख होगी।
खत्तिय समाज की राजनीतिक जागरूकता पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि अन्य जातीय समूहों से तुलनात्मक रूप से खत्तिय समाज में राजनीतिक चेतना का अभाव है, जिससे इस समाज के विधायकों की संख्या में अपेक्षित बढ़ोतरी नहीं हो पा रही है। इसके पीछे समाज में राजनीतिक चेतना की जागृति न होना ही मुख्य कारण है। समाज के लोगों को राजनीतिक रूप से परिपक्व होना होगा। तभी हमारी बात या हमारे मुद्दे संसद या विधानसभाओं में पहुंच पायेगी। उन्होंने विगत चुनावों से कुछ उदाहरण भी दिये।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एस. के. पटेल ने इस तरह के सामाजिक जागरूकता बढ़ाने वाले कार्यक्रमों की जरूरत पर बल दिया और इस कार्यक्रम की सराहना की। उन्होंने कहा कि सामाजिक जागरूकता, एकता तथा आपसी भाईचारा लगातार बढ़ाए जाने की जरूरत है जिससे कि खत्तिय समूह की राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित हो सके। स्वास्थ्य शिक्षा के मुद्दों को भी समाज को जागरूक होना पड़ेगा और सार्वजनिक उपक्रमों में भागीदारी बढ़ाने का भी प्रयास करना होगा। यह तभी संभव है जब समाज के लोग अच्छी शिक्षा प्राप्त करें।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महेंद्र प्रताप मल्ल ने कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि संघर्ष से ही सफलता प्राप्त होती है। जब तक सदन में समाज की भागीदारी नहीं होगी समाज के मुद्दे शासन तक नहीं पहुंचेंगे। इसलिए समाज का विकास गति नहीं पकड़ पाएगा। अत: समाज के लोगों को राजनीतिक रूप से चेतन होना होगा। ऐसे कार्यक्रम समाज में जागरूकता लाने का कार्य करेंगे।
सैथवार मल्ल महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कुमार मल्ल ने आयोजकों को बधाई दी और कहा कि इस तरह के सामाजिक जागरूकता को फैलाने वाले कार्यक्रमों के लिए महासभा का संथागार भवन सदैव उपलब्ध रहेगा।
नव निर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों सुधा सिंह, कुमारी अर्चिता सिंह, दिलिप कुमार सिंह, श्री रामपाल सिंह, प्रभात कुमार सिंह हैप्पी, कमला सिंह, विश्वजीत सिंह, विजय कुमार कुशवाहा, रम्भा सिंह , अष्टभुजा सिंह पटेल, सुशील सिंह, प्रदीप सिंह भीमसेन, लल्लन मल्ल, सुर्यभान पटेल, अशोक कुमार सिंह आदि लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किया और आपसी एक एकजुटता बनाने पर बल दिया।
पूर्व जिला पंचायत सदस्य विश्वजीत सिंह, जनार्दन सिंह फौजी, केएन सिंह, अवधेश सिंह किसान, रणविजय सिंह, विवेक सिंह सैंथवार, धीरेंद्र सिंह एडवोकेट, धीरेंद्र सिंह छपिया, अरविंद कुमार सिंह, निकेश सिंह सैंथवार, राजेश सिंह आदि लोगों ने अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. रवींद्र पीएस व सुजीत कुमार सिंह द्वारा किया गया। कार्यक्रम में तकनीकी सहयोग मारकंडेय सिंह मिंटू ने की।