कुशीनगर। ‘ भारतीय जनता पार्टी किसानों से वोट लेकर सत्ता में पहुँच गयी और जब किसान हित की बात आयी है तो सरकार ने अपनी आँखे बन्द कर ली है और उनकी बातों पर ध्यान नही दे रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2014 से लेकर 2021 तक तीन बार कुशीनगर का दौरा कर चुके हैं लेकिन जनपद की पाँच बंद चीनी मिलों लक्ष्मीगंज, रामकोला (खेतान), पडरौना, कटकुइयां और छितौनी में से एक को भी चलवाने के लिये उन्होंने कुछ नहीं कहा जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव के समय जनपद कुशीनगर के किसानों, जनता और बेरोजगार नौजवानों से वादा करके गये थे कि यदि केंद्र में भाजपा की सरकार बनती है तो पडरौना की बन्द चीनी मिल को 100 दिन में चलवाएंगे। ‘
यह बातें वेटरनस एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व भाकियू (अ) के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सम्बोधित ज्ञापन कप्तानगंज की उपजिलाधिकारी कल्पना जायसवाल को सौपते हुए कही। ज्ञापन में लक्ष्मीगंज चीनी मिल को चलवाने और कप्तानगंज चीनी मिल पर बकाया भुगतान की मांग की गई है और मांग पूरी नहीं होने पर 22 नवंबर से धरना-प्रदर्शन की चेतावनी दी गई है।
श्री सिंह ने कहा कि वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद से जनपद की पाँचों चीनी मिल को चलवाने के लिये लगातार हमारे यूनियन द्वारा माँग की जा रही है। उसके बाद भी प्रदेश सरकार बन्द चीनी मिल को चलवाने के लिये घोषणा नही की जिससे यह जाहिर होता है की भाजपा सिर्फ और सिर्फ सत्ता हथियाने के लिये किसानों का इस्तेमाल करती है। यदि ऐसा नही होता तो तीनों कृषि बिलों को रद्द कराने के लिये किसान दिल्ली के विभिन्न सरहदों पर बीते ग्यारह महीने से धरना प्रदर्शन नही करते रहते।
उन्होंने कहा कि कप्तानगंज चीनी मिल पर पेराई सत्र 2020- 21 का गन्ने का मूल्य और दो सत्र का अंतर मूल्य का करोड़ो रूपये बकाया है जो अभी तक किसानों के खाते में नही गया है जबकि सरकार का दावा है कि 14 दिन में किसानों के गन्ने का भुगतान मिलों द्वारा किया जायेगा। किसान नेता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से माँग की कि लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल को चलवाने और कप्तानगंज चीनी मिल पर किसानों के गन्ने का पूर्ण भुगतान 15 नवम्बर 2021 तक भेजवाने की घोषणा करे। यदि ऐसा नही होता है तो हमारा यूनियन उपरोक्त दोनों माँगों को लेकर 22 नवम्बर से अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन करने के लिये बाध्य होगा।
इस मौके पर जिला सचिव चेतई प्रसाद, तहसील अध्यक्ष रामप्यारे शर्मा, वरिष्ठ समाजसेवी रामाश्रय वर्मा, सूरज लाल,पुजारी सिंह, संजय कुशवाहा, कन्हैया राय,महेंद्र वर्मा,चांदबली के साथ साथ अन्य कार्यकर्ता व किसान मौजूद रहे।