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डॉ कफील खान की किताब का सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विमोचन किया

लखनऊ। पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दो जुलाई को लखनऊ में समाजवादी पार्टी कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में बीआरडी मेडिकल कालेज के पूर्व चिकित्सक डॉ कफील खान की किताब “गोरखपुर अस्पताल त्रासदी – अस्पताल से जेल तक “ का विमोचन किया।

यह किताब पूतव में अंग्रेजी में प्रकाशित हो चुकी है। जल्द ही इसका हिंदी संस्करण आया है। इस किताब में गोरखपुर अस्पताल त्रासदी की घटनाओं का कफील खान ने विस्तार से विवरण दिया है और बताया है कि उन्हें किस तरह इस घटना में बलि का बकरा बनाया गया।

किताब के विमोचन के मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि इस किताब को लिखने के लिए मैं डॉक्टर कफील खान को बधाई देता हूं। इस किताब में उन्होंने लिखा कि कैसे वह बच्चों की जान बचाने के लिए लगे रहे, लेकिन सरकार ने उनको ही जेल भेज दिया। सरकार के लोगों को यह किताब जरूर पढ़नी चाहिए। सरकार ने समय से संसाधन दिए होते तो यह घटना नहीं होती। आज भी उत्तर प्रदेश में स्वास्थ सेवाओं की हालत खराब है। तमाम मशीनें रखे रखे खराब हो गई हैं। तमाम अस्पताल के स्टाफ ने मशीन को चलाने और मशीन के मेंटेनेंस करने वाली कंपनी ने मेंटेनेंस करने से मना कर दिया है।

डॉक्टर कफ़ील खान ने इस मौके पर कहा कि यह किताब उन सभी माता-पिता को समर्पित है जिन्होंने इस त्रासदी में अपने बच्चों को खो दिया है और आज भी इंसाफ़ के लिए भटक रहे हैं। उन्होंने कहा कि 10 अगस्त 2017 की शाम को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में सरकारी बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज के नेहरू अस्पताल में लिक्विड ऑक्सीजन खत्म हो जाने के बाद अगले कुछ दिनों में, 80 से अधिक रोगियों – 63 बच्चों और 18 वयस्कों ने अपनी जान गंवा दी। इस दौरान उन्होंने ऑक्सीजन सिलेंडर लाने , आपातकालीन उपचार करने और कर्मचारियों की मदद से जी जान कोशिश कर बच्चों की जन बचाने की कोशिश की। इस त्रासदी की खबर ने राष्ट्रीय स्तर पर लोगों का ध्यान खींचा। उन्हें नायक कहा जाने लगा लेकिन कुछ दिनों बाद, उन्होंने निलंबित कर दिया गया और उसके बाद उनके सहित नौ व्यक्तियों के खिलाफ भ्रष्टाचार और चिकित्सा लापरवाही सहित अन्य गंभीर आरोपों के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई और जेल भेज दिया गया। बाद में उन्हे मेडिकल कालेज से बर्खास्त भी कर दिया गया।

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