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मोदी सरकार ने एमएसपी कानून पर किसानों को धोखा दिया है -राकेश टिकैत

देवरिया। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि भाजपा सरकार लोगों को धर्म के नाम पर बांटकर राज करना चाहती है। दिल्ली में आंदोलन की अनदेखी कर कई लाख किसानों को 13 महीने तक धरने पर बैठने को मजबूर किया। आंदोलनकारियों से बात करने की जगह सरकार उन्हें बदनाम करने का प्रयास करती रही। हमें एमएसपी पर धोखा दिया है। किसानों की मांगों को लेकर 26 नवंबर को लखनऊ में राजभवन का घेराव किया जाएगा।

टिकैत 11 नवंबर को देवरिया के सोनूघाट में भारतीय किसान यूनियन की मण्डलीय किसान, मजदूर, नौजवान महापंचायत को संबोधित कर रहे थे।

राकेश टिकैत ने कहा कि केन्द्र सरकार ने एमएसपी कानून के बारे में धोखा किया है। किसानों को उनकी पैदवार का वाजिब मूल्य नहीं मिल रहा है। रामपुर जिले में 11 हजार किसानों से फर्जी खरीद कर 200 करोड़ का घोटाला किया
गया। उनकी शिकायत पर जांच हुई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। सरकार बीज पुलिस स्टेशन खोलने की तैयारी कर रही हैं, जहां किसानों के खिलाफ कंपनियों द्वारा उनकी अनुमति के बिना बीज बोने पर एफआईआर दर्ज होगी।
इसमें सजा और जुर्माना दोनों का प्रावधान होगा। टिकैत ने आरोप लगाया कि सरसों के बीटी सीड की अनुमित देकर कड़वा तेल जहरीला बनाने का किया जा रहा है। इस तरह के 26 बीजों की बुवाई करने की अनुमति दी जा रही है। अंग्रेजों के 1894 में बनाये भूमि अधिग्रहण कानून को लंबी लड़ाई के बाद समाप्त कर वर्ष 2013 में किसानों के हित में कानून बना था। भाजपा सरकार इसमें बदलाव कर मॉडल एक्ट बनाकर किसानों की जमीनें जबरन छीन रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि एयरपोर्ट के नाम पर लखनऊ और आजमगढ़ में यही किया गया है।

किसान नेता ने कहा कि यह सरकार किसान बिरादरी को खत्म करना चाहती है। कश्मीर में किसानों को बर्बाद कर दिया। पहले की सरकारें किसानों के आंदोलन को गंभीरता से लेकर समस्याएं समाप्त कराने का प्रयास करती थीं, लेकिन यह
सरकार आंदोलन करने पर पूछने तक नहीं आती है। उन्होंने कहा कि जब विपक्ष कमजोर होता है तो तानाशाही का जन्म होता है। इसके बाद जनता क्रांति करती है। आज देश में वही हालात बन रहे हैं, जैसे श्रीलंका में हुआ।

उन्होंने आक्रामक अंदाज में कहा कि बीजेपी छलबाजी से हिन्दू, मुस्लिम, सिख में देश को बांटने का काम करती है। उसने देश के मजबूत राजनीतिक परिवार लालू, मुलायम, चौटाला, ठाकरे, चन्द्रशेखर को बांट दिया। सरकार के खिलाफ बोलना देश के खिलाफ बोलने जैसा हो गया है। टिकैत ने कहा कि किसानों की मांगों को लेकर 26 नवंबर को लखनऊ राजभवन का घेराव किया जाएगा।

किसान महापंचायत में भाग लेने गुरूवार को दोपहर करीब एक बजे बलिया से भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश सिंह टिकैत सोनूघाट चौराहे पर पहुंचे। जहां सिंघ्हा बजाकर भाकियू जिलाध्यक्ष राघवेन्द्र प्रताप शाही व अन्य पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया। मंच पर पहुंच एक पैर से दिव्यांग व गरीबों की योजनाओं का लाभ दिलाने में मदद करने वाले सच्चिदानंद वर्मा का यूनियन का पटटा व माला पहना कर स्वागत किया।

मंडलीय किसान महापहांचायत में जिले के विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में महिला, पुरूष किसान ट्रैक्टर-ट्राली, पिकप तथा दो पहिया वाहन, सायकिल से तथा पैदल पहुंचे थे। इसमें बड़ी संख्या में महिला किसान और मजदूर भी राकेश टिकैत को सुनने आये थे।

 

महापंचयत में बंद चीनी मिलों और आवारा पशुओं का मुद्दा उठा 

भारतीय किसान यूनियन की मंडलीय किसान, मजदूर, नौजवान महापंचायत में नेताओं ने जिले में नई चीनी मिल लगाने की
हुंकार भरी और इसके लिए एकजुट होकर आंदोलन करने पर बल दिया। किसान नेताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार आवारा पशुओं, कंटीले तार का बाड़ लगाने, पराली तथा ट्रेक्टर ट्राली के नाम पर किसानों का उत्पीड़न कर रही है। इसके खिलाफ 26 नवंबर को लखनऊ पहुंच कर अपनी ताकत का एहसास कराना होगा।

महापंचायत के समापन पर भाकियू राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश सिंह टिकैत ने किसानों के मांगों से संबंधित ज्ञापन सदर एसडीएम सौरभ सिंह को दिया।

महापंचायत में भाकियू के राष्ट्रीय महासचिव राजवीर सिंह जादौन ने कहा कि लखनऊ के राजभवन घेराव में जिले से जितनी अधिक संख्या में किसान पहुंचेंगे, देवरिया की चीनी मिल का मुददा उतनी ही मजबूती से रखा जायेगा।
उन्होंने संगठन को मजबूत बनाने पर जोर दिया।

भाकियू युवा के प्रदेश अध्यक्ष अनुज सिंह ने कहा कि हम देश को बेचने से बचाने वाले लोग हैं। जिले में नई चीनी लगाने की लड़ाई मजबूती से लड़ी जायेगी। इसके लिए आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने को कहा। बजरंगी बली की तरह किसानों को भी उनकी शक्ति का एहसास कराना होगा। महात्मा गांधी ने इसी इलाके से नील की खेती के खिलाफ किसानों को साथ लेकर आंदोलन किया था। देश में ऐसे हालात बनाये जा रहे है कि किसान खेती से नफरत करने लगे और वह मजदूर बन जाय।

मंडल उपाध्यक्ष विनय सिंह ने कहा कि जनता ने इस सरकार को चुना है, लेकिन इस सरकार को जनता की नहीं आवारा पशुओं, जंगली सूअरों की चिंता है। फसल बचाने को कंटीले तार लगाने, पराली, ट्रैक्टर, ट्राली के नाम पर किसानों का उत्पीड़न हो रहा है।

भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष राघवेन्द्र प्रताप शाही ने सभी का स्वागत किया। किसान नेता विनोद गुप्ता ने संचालन किया। रामनयन यादव ने महापंचायत की अध्यक्षता की।

महापंचायत को भाकियू प्रदेश अध्यक्ष राजपाल शर्मा, अध्यक्ष पूर्वी अनूप कुमार चौधरी, मंडल अध्यक्ष प्रेम शंकर पाण्डेय, कार्यक्रम संयोजक धनंजय सिंह, डा. कृष्णा जायसवाल, राणा प्रताप सिंह, बड़े शाही, जनार्दन मिश्र, श्याम देव राय, सुरेश
चन्द्र, मदन चौहान, शहीद ख्वाजा मंसूरी, सदानंद यादव, ओपी गुप्ता आदि ने संबोधित किया।

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