साहित्य - संस्कृति

कवि-आलोचक प्रो. भरत प्रसाद को दिया गया ‘ आयाम सम्मान-2024 ’

गोरखपुर। शिलांग विश्विधालय (मेघालय) में हिन्दी विभाग में प्रोफेसर एवं कवि-आलोचक भरत प्रसाद को आज गोरखपुर जर्नलिस्ट्स प्रेस क्लब में साहित्यिक संस्था आयाम द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में ‘ आयाम सम्मान-2024 ‘ से सम्मानित किया गया।

इस मौके पर ‘ पूर्वोत्तर का समाज एवं हिन्दी ‘ विषय पर व्याख्यान देते हुए प्रो. भरत प्रसाद ने पूर्वोत्तर के समाज, वहाँ की जनजातियों, अशिक्षा और गरीबी की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि पूरे पूर्वोतर में स्त्रियों का सर्वाधिक सम्मान है और स्त्रियाँ अपना वर स्वयं चुनती हैं l हम उन्हें जनजाति कह लें लेकिन यह तथ्य है कि वहाँ का समाज अपनी मानसिकता और आचरण से हमारे मैदानी समाज से बहुत आगे हैं l वहां स्त्रियों के प्रति अपराध लगभग शून्य है l पुर्वोत्तर का सौंदर्य अभतपूर्व है लेकिन संसाधनों का अभाव है l उन्होंने पूर्वांचल और पूर्वोत्तर को एक सूत्र में जोड़ने के प्रयास का प्रस्ताव किया। व्याख्यान के बाद उन्होंने अपनी कविता पाठ किया l

इस अवसर पर अंग्रेजी विभाग के प्रो.गौर हरि बेहरा ने भरत प्रसाद के जे.एन यू के दिनों को याद किया l कवि-आलोचक प्रो सदानंद शाही ने कहा कि जब मेरा वहाँ जाना हुआ तो मुझे वहाँ के कण कण में बुद्ध उपस्थित मिले l वहाँ के लोगों का बुद्ध से गहरा नाता है जो उन्हें शेष मैदानी भारत विशेष तौर पर पूर्वांचल से जोड़ सकता है l

गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रो. अनिल राय ने कहा कि अपने शहर में किसी को सम्मानित करना स्वयं भी सम्मानित होना है। भरत जी मूल रूप से इसी इलाके से हैं। फ़ैज़ाबाद से आए कवि विशाल श्रीवास्तव ने भरत प्रसाद के विविध रचनात्मकता की चर्चा की।

सम्मान समारोह की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ कवि स्वप्निल श्रीवास्तव ने कविता और कथा लेखन के क्षेत्र में भरत प्रसाद के योगदान को रेखांकित किया।

आयाम के संयोजक देवेंद्र आर्य ने इस अवसर पर उपस्थित प्रो भरत प्रसाद के परिवार और अतिथियों का स्वागत करत हुए विषय प्रवर्तन किया l कार्यक्रम का संचालन अजय सिंह ने किया l

समारोह में डॉ.  भारत भूषण, डॉ. रंजना जायसवाल, सुभाष चौधरी, डॉ.  सिद्धार्थ, डॉ. राकेश तिवारी, कवि वेद प्रकाश, रीवेश सिंह, धर्मेन्द्र त्रिपाठी, प्रेम प्रकाश वर्मा, कथाकार अमित कुमार, रवींद्र मोहन त्रिपाठी आदि उपस्थित थे।