गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के अनुदानित मदरसों में बायोमैट्रिक उपस्थिति के फैसले का विरोध शुरू हो गया है। मदरसों में बायोमैट्रिक उपस्थिति का विरोध आल इण्डिया टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया द्वारा किया जा रहा है। मंगलवार को एसोसिएशन से जुड़े मदरसा शिक्षकों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ मंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपकर इस आदेश को वापस लेने की मांग की है।
मदरसा जामिया रजविया मेराजुल उलूम चिलमापुर के प्रधानाचार्य मौलाना मसरूफ़ अहमद निजामी ने कहा कि एसोसिएशन के निर्देश पर जिले के सहायता प्राप्त प्रधानाचार्यों, शिक्षकों व कर्मचारियों ने बायोमेट्रिक उपस्थिति का आदेश वापस लेने के लिए जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है। दैनिक उपस्थिति आधार पर आधारित बायोमैट्रिक/फेस आथन्टिकेशन अटेंडेंस सिस्टम से शिक्षण व्यवस्था पर खराब असर पड़ेगा इसलिए आदेश को स्थगित किया जाए।
ज्ञापन सौंपने वालों में मदरसा जियाउल उलूम पुराना गोरखपुर गोरखनाथ के प्रधानाचार्य मौलाना नूरुज्जमा मिस्बाही, मदरसा अंजुमन इस्लामिया खूनीपुर के प्रधानाचार्य कारी नसीमुल्लाह, डॉ. अज़ीम फारुकी, मौलाना मोहम्मद आजाद, कारी एखलाक अहमद, मौलाना बदीउज्जमा, मौलाना मोहम्मद सिद्दीक, डॉ. मंजूर अहमद आदि मौजूद रहे।
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड द्वारा प्रदेश में संचालित सभी अनुदानित मदरसों में बायोमीट्रिक उपस्थिति/हाजिरी दर्ज करने के निर्देश जारी किए गए हैं। यह आदेश जुलाई माह से लागू हुआ है। गोरखपुर में दस अनुदानित मदरसे हैं। जिनके शिक्षक व कर्मचारी विरोध कर रहे हैं।