लखनऊ। क्रांतिकारी वाम धारा के वरिष्ठ संस्कृतिकर्मी रवींद्र कुमार सिन्हा नहीं रहे। वे आर के सिन्हा के नाम से ख्यात थे।उनका निधन उनके पैतृक निवास मुजफ्फरपुर बिहार में बीते 27 अगस्त को हृदय आघात से हुआ। उस वक्त उनकी उम्र 75 पर की थी।
श्री आर के सिन्हा का जन संस्कृति मंच से बहुत पुराना जुड़ाव था। मंच के अनेक सम्मेलनों में उन्होंने शिरकत की। अनेक बार राष्ट्रीय कमेटी में भी चुने गए। फिलहाल वे जसम उत्तर प्रदेश के राज्य परिषद के सदस्य तथा लखनऊ इकाई के उपाध्यक्ष थे। लखनऊ की साहित्यिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में उनकी सक्रियता रहती थी। मंच द्वारा आयोजित लखनऊ फिल्म फेस्टिवल के मुख्य कर्ताधर्ताओं में थे। एक फ़िल्म समारोह के उद्घाटन सत्र की उन्होंने अध्यक्षता भी की थी। बीते 7 जुलाई को प्रसिद्ध कथाकार शिवमूर्ति के नए उपन्यास ‘अगम बहे दरियाव’ पर परिचर्चा वाले कार्यक्रम में भी वे आये थे।
श्री आर के सिन्हा पेशे से इंजीनियर थे तथा उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग से मुख्य अभियंता के पद से 2006 में सेवा मुक्त हुए थे। सेवा मुक्त होने के बाद भी उनकी विचार और साहित्य संस्कृति के क्षेत्र में सक्रियता बनी हुई थी। वैचारिक बहसों में उनकी हस्तक्षेपकारी भूमिका हुआ करती थी।
श्री आर के सिन्हा पर नक्सलबाड़ी के किसान आंदोलन का गहरा असर हुआ, जब वे इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे। यह उन्हें मार्क्सवाद के गहरे अध्ययन तथा व्यवहार की तरफ ले गया। इसी प्रक्रिया में वे भाकपा माले से जुड़े। उनके पास साहित्य, संस्कृति, समाज व राजनीति की गहरी पकड़ थी। उनके पास वैज्ञानिक विश्लेषण की पद्धति थी। यही कारण था कि वे नौजवानों को अपनी प्रखर विचारकी से प्रभावित करते थे। अनेक नौजवानों को मार्क्सवाद तथा आंदोलन से जोड़ने का, विशेष तौर से लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों को क्रांतिकारी धारा से जोड़ने का महती काम किया। इसी प्रक्रिया में उन्होंने अपने को न सिर्फ डीकास्ट और डीक्लास किया बल्कि अनेक नौजवानों को क्रांतिकारी के रूप में रूपांतरण का भी काम किया।
श्री आर के सिन्हा समाज के क्रांतिकारी रूपांतरण की वैचारिकी पर लंबे समय से काम कर रहे थे। उनके जाने से यह काम अधूरा रह गया। उनका जाना साहित्य, राजनीति और विचारधारा के क्षेत्र में बड़ी क्षति है। इस संकट व उथल-पुथल भरे दौर में अपनी जनपक्षधरता तथा वैचारिक प्रतिबद्धता व अडिगता के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे। जन संस्कृति मंच अपने प्रिय साथी के प्रति अपनी गहरी शोक संवेदना प्रकट करता है। भाकपा-माले लखनऊ ने भी उनके निधन पर उनकी स्मृति को सलाम किया है। लाल सलाम।
श्री आर के सिन्हा की स्मृति में ‘स्मरण आर के सिन्हा ‘ का आयोजन कल 7 सितम्बर को शाम 4.30 बजे से लोहिया मजदूर भवन, नरही हजरतगंज लखनऊ में किया गया है।