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गिरमिटिया मजदूरों के प्रवासन की पीड़ा ,संघर्ष और विछोह के अन्तरद्वंद को उकेरता नाटक “ गिरमिट सैयाही ”

गोरखपुर। रूपान्तर नाट्य मंच ने गोरखपुर विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के सहयोग से रविवार की शाम गोरखपुर विश्वविद्यालय के संवाद भवन में ” गिरमिट सैयाही ” नाटक का मंचन किया। युवा लेखक डॉ आनंद पांडेय लिखित यह नाटक गिरमिटिया मजदूरों के प्रवासन की पीड़ा ,संघर्ष के साथ-साथ नवा देश के साथ बनते जुड़ाव और अपने मूल देश की माटी, सगे सबंधियों के विछोह के अन्तरद्वंद उकेरता है।

यह नाटक 190 वर्ष पहले अंग्रेजों द्वारा भारत और खासकर उत्तर प्रदेश और बिहार से त्रिनिदाद, गुयाना, फिजी, सूरीनाम, मॉरीशस, टोबैगो जैसे देशों में एग्रीमेंट के नाम पर ले जाए गए मजदूरों की गुमनाम अचर्चित गाथा और लाखों भारतीयों पर हुए यंत्रणाओं को दृष्टि में रखकर प्रवासन के स्वरूप को संवादों और दृश्य बंधों में ग्राफ के माध्यम से दर्शाने का प्रयोग करता है। एक जैसे वस्त्र विन्यास और कलाकारों द्वारा विशेष तरह के अलग अलग ग्राफ के निर्माण के द्वारा कथानक में नाटकीयता बनाने की कोशिश की गई जो दर्शकों के लिए एक अलग तरह का अनुभव था।

नाटक में दृश्यों के अनुरूप लोक गीतों और लोक नृत्यों- सोहर, बिदेसिया, बिरहा और पँवरिया, धोबियउवा नाच, चमरउवा नाच जैसी  का प्रयोग किया गया है। सूरीमान (नीदरलैंड) के मशहूर सरनामी गायक राजमोहन के चर्चित गीत ‘ सात समुन्दर पार कराई के, एक नवा देश के सपना दिखाई के , कइसे हमके भरमाई के , ले गईल दूर सरनाम बताई के ‘ भी नाटक में जुदा तरीके से आता है।

नाटक का निर्देशन अपर्नेश मिश्र व सुनील जायसवाल ने किया। साइको फिजिकल प्रारूप के इस नाटक को परम्परागत नाटकों से अलग निर्देशन करने के लिए इनकी विशेष सराहना हुई।

मंच पर विभिन्न भूमिकाओं में आलोक सिंह राजपूत, हरिकेश पाण्डेय, रितिका सिंह, निकिता श्रीवास्तव, चंदन यादव, सोमनाथ, विक्की, शिवांगी ने अभिनय किया। संगीत गायक-अभिनेता आदित्य राजन का था । गीतों को पवन कुमार, शगुन श्रीवास्तव और हर्ष ने अपनी आवाज दी।

प्रकाश व्यवस्था और रूपसज्जा निशिकांत पाण्डेय की थी। ध्वनि व्यवस्था रवि प्रताप सिंह ने संभाली।

रूपान्तर की अध्यक्ष डॉ अमृता जयपुरियार ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

नाटक देखने के लिए प्रो अनिल राय, डॉ आद्या प्रसाद द्विवेदी, प्रदीप सुविज्ञ, डॉ नित्यानंद श्रीवास्तव, रविन्द्र रंगधर, प्रेम पराया, आसिफ ज़हीर, श्रीनारायण पाण्डेय, अजित प्रताप सिंह, राजेश वर्मा, दुर्गेश पाण्डेय आदि उपस्थित थे।

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