गोरखपुर। मंगलवार को भाकपा माले के प्रतिनिधिमंडल ने 8 अक्टूबर को जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन और ज्ञापन देकर गुलरिहा क्षेत्र के करमहा बुर्जुग में सांप्रदायिक तनाव और गोरखपुर शहर में डॉक्टर-सिपाही मारपीट प्रकरण में पुलिस पर एकतरफा कार्यवाही का आरोप लगाया।
प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया कि गुलरिहा थाना के करमहा बुजुर्ग गांव में सांप्रदायिक तनाव बढ़ने के बीच पुलिस की एकतरफा कार्यवाही से आमजन में भय का माहौल है। एक पक्ष द्वारा धार्मिक स्थल के पास जानबूझकर डीजे बजाया था, जिससे तनाव बढ़ गया। जिसके बाद एकतरफा एफआईआर दर्ज की गई है। इस एफआईआर में सच्चाई नहीं है। मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और सच्चाई का पता लगाने के लिए वीडियो फुटेज और गवाहों का बयान दर्ज किया जाना चाहिए और करमहा बुजुर्ग में शांति बहाली की जानी चाहिए।
माले नेताओं ने कहा कि डॉक्टर पर हमले के मामले में भी एकतरफा कार्रवाई की गई है। इस मामले में मरीज के पति को ही जेल भेज दिया गया लेकिन मरीज के पति को पीटने वाले हमलावरों के ख़िलाफ़ एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई। गिरफ्तार सिपाही की तरफ से भी एफआईआर दर्ज की जाए।
प्रतिनिधिमंडल ने सीतापुर जिले के जिला पंचायत सदस्य और भाकपा-माले के राज्य स्थाई समिति के सदस्य कामरेड अर्जुन लाल के जिला बदर किए जाने का विरोध किया और जिला बदर किए जाने के फैसले को वापस लेने की मांग की।