कुशीनगर। लक्ष्मीगंज की बंद चीनी मिल को चलाने और कप्तानगंज चीनी मिल का बकाया भुगतान की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन (अ) के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह के नेतृत्व में किसानों ने 23 अक्टूबर को प्रदर्शन करते हुए तहसील मुख्यायल पहुँच प्रधानमन्त्री और मुख्यमन्त्री को सम्बोधित ज्ञापन कप्तानगंज के उपजिलाधिकारी योगेश्वर सिंह को दिया।
ज्ञापन में कहा गया है कि लक्ष्मीगंज की बन्द चीनी मिल को चलाने के लिए केंद्र और उत्तर प्रदेश की डबल इंजन की सरकार नीतिगत फैसला जल्दी लेकर धन अवमुक्त करके मिल में कार्य शुरू कराए। कप्तानगंज चीनी मिल पर किसानों के गन्ने का भुगतान करोड़ों रुपए बकाया है। बकाया भुगतान के लिए सरकार सार्थक पहल करे। यदि किसानों की दोनों माँगों पर सरकार कार्यवाही नही करती है तो हम वृहद किसान आन्दोलन करेंगे।
किसान नेता रामचन्द्र सिंह ने कहा कि विगत आठ वर्षों से लक्ष्मीगंज चीनी मिल को चलाने के लिए भारतीय किसान यूनियन (अम्बावता) धरना-प्रदर्शन कर रहा है लेकिन डबल इंजन की सरकार मूकदर्शक बनी हुई है | कप्तानगंज चीनी मिल पर किसानों के गन्ने का भुगतान विगत तीन वर्षों से बकाया है। बकाया भुगतान के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमन्त्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को दिया गया। ज्ञापन प्रधानमन्त्री कार्यालय से उत्तर प्रदेश सरकार के समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली (आईजीआरएस) को भेज दिया गया। उसके बाद प्रबन्ध निदेशक, उत्तर-प्रदेश गन्ना संघ , लखनऊ द्वारा उसे जिला गन्ना अधिकारी कुशीनगर को भेज दिया गया। जिला गन्ना अधिकारी ने अपने आख्या के माध्यम से प्रबन्ध निदेशक, उत्तर-प्रदेश गन्ना संघ को अवगत कराया है कि लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल को चलाने की प्रकिया “ उत्तर-प्रदेश शासन के नीति-निर्देशन और शासन के नीतिगत विषयक है। इसमें हमारे स्तर से कोई टिप्पणी देना उचित प्रतीत नही होता है। ” कप्तानगंज चीनी मिल भुगतान का प्रकरण “ मा० न्यायधिकरण में लम्बित है ।
श्री सिंह ने कहा कि उत्तर-प्रदेश सरकार लक्ष्मीगंज की बन्द चीनी मिल को चलाने के लिए नीतिगत फैसला लेने में हिचक क्यों रही है और इतना विलम्ब क्यों कर रही है ? क्या सरकार नही चाहती है कि किसान हित में लक्ष्मीगंज चीनी मिल चले ? लक्ष्मीगंज क्षेत्र में लगभग 6778 हेक्टेयर भूमि में गन्ने की खेती की जाती है और हर वर्ष लगभग 50-60 लाख कुन्तल गन्ने की पैदावार होता है। यदि गन्ने की खेती और पैदावार से चीनी मिलें चलाई जाती है तो मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ जी को गोरखपुर की पिपराईच चीनी मिल से पहले लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल को चलवाना चाहिये था। क्या मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ जी को आशंका है कि यदि लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल चालू हो जाएगा तो जनपद गोरखपूर की पिपराईच चीनी मिल बन्द होने के कगार पर पहुँच जाएगी ? कप्तानगंज चीनी मिल पर किसानों के गन्ने का भुगतान करोड़ों रुपये बकाया है उसे दिलाने में सरकार मूकदर्शक क्यों बनी हुई है ? कप्तानगंज क्षेत्र के किसानों ने सरकार के कहने पर अपना गन्ना चीनी मिल को दिया। अब सरकार की जबाबदेही बनती है कि किसानों के गन्ने का भुगतान समय से करावे ताकि किसानों को कोई दिक्कत और परेशानी ना हो।
ज्ञापन देने के समय यूनियन के जिला महासचिव मुनि प्रमोद कुमार वर्मा, जिला सचिव रामपति सेन, चेतई प्रसाद, जिला महिला मंत्री इंद्रावती देवी , ब्लॉक अध्यक्ष राम आधार प्रसाद , रामा, इस्रावती देवी, अनाड़ी देवी, श्रीप्रसाद, विद्यावती देवी, मुकुट सिंह, राजपति, रामप्रवेश, राधा देवी, क्रांति देवी, इसरावती देवी आदि उपस्थित थे।