बागपत। तीन दिवसीय ग्रामीण भारत स्वाभिमान अधिवेशन का आयोजन दिनांक 25, 26 व 27 नवंबर को बागपत जिले के बड़ौत तहसील के भड़ल गाँव में किया गया। इस आयोजन में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, हिमाचल, चंडीगढ़, दिल्ली,आदि प्रदेशों के किसान संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
अधिवेशन में सम्मान जनक जीवन निर्वाह के लिए किसानों की निश्चित न्यूनतम आय सुनिश्चित करने, आर्थिक विषमता दूर करने, किसानों की कर्ज मुक्ति, बिजली को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत लाकर सस्ते दर से उपलब्ध कराने, एमएसपी को स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक C -2 +50% आधार पर क़ानून बना कर लागू करने और सभी क़ृषि उत्पादों को उसके दायरे में लाने, क़ृषि में लागत कम करने के लिए उपकरण समेत अन्य सभी वस्तुयों के दाम कर मुक्त करके व अनुदानित कर कम करने, कृषि ऋण को ब्याज मुक्तकरने पर चर्चा हुई।
अधिवेशन में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि जिस तरह कारपोरेट्स का लाखों करोड़ एनपीए राइट ऑफ़ कर दिया जाता है, किसान को भी वही सुविधा मुहैया कराई जाय। गन्ने का भुगतान सालों साल नहीं मिलता, किसान के कर्ज़े पर ब्याज बढ़ जाता है। यह किसान का शोषण जानबूझ सरकार के सहयोग से होता है क्योंकि सरकार केन पर्चेज एंड सप्लाई एक्ट का मिल मालिकों से पालन नहीं करा पाती है। जिसमें प्रावधान है कि चौदह दिन के अंदर गन्ने का भुगतान होना आवश्यक है नहीं तो ब्याज के साथ भुगतान करना होगा। इसका पालन कभी भी मिल मालिकों ने नहीं किया और किसान के कच्चे माल लेकर भारी मुनाफा खोरी करते रहे। सरकार सिर्फ और सिर्फ चुनाव में घोषणा करती रही और चुनाव के बाद सो जाती रही है, क्योंकि मिल मालिकों से भारी चंदा की वसूली करती है। इस कारण किसानों के हितों की अनदेखी करती रहती है। कृषि को जानबूझ कर घाटे में ले जाया गया है। सरकार की किसान विरोधी नीतियों के चलते किसानों की आत्महत्याएं बढ़ी हैं। किसान खेती से निराश हुआ है। यह देश के लिए अहित कर है।

तीन दिन की लम्बी बहस के बाद पांच सूत्री प्रस्ताव पास किया गया और इन मुद्दों पर किसानों में जागरूकता पैदा करने साथ-साथ लम्बी लड़ाई की तैयारी का संकल्प लिया गया।
सभी राज्यों से आये प्रतिनिधियों को कार्यक्रम के संयोजक किसान अधिकार आंदोलन के संयोजक नरेंद्र राणा ने साल व सम्मान पत्र भेंट कर सम्मानित किया। इस अधिवेशन में मुख्य रूप से कृषि अर्थशास्त्री डॉ देवेंद्र शर्मा, राजस्थान से रामपाल जाट, महाराष्ट्र से विजय जावन्दिया, मध्यप्रदेश से केदार सिरोही, कुबेर सिंह, उत्तर प्रदेश से महेश सिंह, मनीष यादव, नरेश सिरोही, रामवीर सिंह तोमर, हरियाणा से सेवा सिंह आर्य, योगेंद्र घासी, राम नैन, चौधरी सुधीर तालान आदि शामिल रहे।