स्वास्थ्य

डॉ. रोहिणी सेबेस्टियन की लीवर कैंसर में जीन म्यूटेशन पर पोस्टर प्रस्तुति को मिली सराहना

गोरखपुर। केरल के त्रिशूर स्थित जुबली मिशन मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट में पैथोलॉजी की सहायक प्रोफेसर डॉ. रोहिणी सेबेस्टियन ने 19-23 नवंबर, 2024 को वैंकूवर, कनाडा में आयोजित प्रतिष्ठित एसोसिएशन फॉर मॉलिक्यूलर पैथोलॉजी (एएमपी) वार्षिक सम्मेलन में लीवर कैंसर में जीन म्यूटेशन पर एक पोस्टर प्रस्तुत किया। उन्हें सम्मेलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षु यात्रा पुरस्कार भी मिला और वे भारत की एकमात्र प्रतिनिधि थीं।

डॉ. रोहिणी ने अपनी प्रस्तुति में सेंगर सीक्वेंसिंग का उपयोग करटे हुए हेपेटोसेलुलर कार्सिनोमा (HCC) में TP53 उत्परिवर्तन के स्पेक्ट्रम की विशेषता और क्लिनिकोपैथोलॉजिकल विशेषताओं के साथ इसके सहसंबंध को प्रदर्शित किया।

डॉ. रोहिणी के पिता डॉ. सेबेस्टियन गिरिदीपम एमबीए कॉलेज के प्रिंसिपल हैं। उन्होंने 1977-99 में डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी गोरखपुर से एम.कॉम की पढ़ाई की थी।

मॉलिक्यूलर पैथोलॉजी कैंसर की आनुवंशिक और आणविक विशेषताओं का विश्लेषण करके, व्यक्तिगत उपचार का मार्गदर्शन करके और अधिक सटीक कैंसर देखभाल सुनिश्चित करके में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

डॉ. रोहिणी ने तमिलनाडु के वेल्लोर स्थित प्रसिद्ध क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज में मॉलिक्यूलर पैथोलॉजी में अपनी पोस्ट-डॉक्टरल फेलोशिप पूरी की। वे मॉलिक्यूलर पैथोलॉजी के उभरते क्षेत्र में प्रशिक्षित होने वाली केरल की कुछ पैथोलॉजिस्ट में से एक हैं। सीएमसी में अपने प्रशिक्षण के दौरान, उन्होंने फरवरी 2024 में एम्स, नई दिल्ली में आयोजित आणविक पैथोलॉजी सम्मेलन (एमपीएआईसीओएन) में सर्वश्रेष्ठ पोस्टर पुरस्कार जीता। केरल के कोट्टायम जिले की मूल निवासी डॉ. रोहिणी ने केरल के त्रिशूर के सरकारी मेडिकल कॉलेज से पैथोलॉजी में एमडी और केरल के तिरुवल्ला के पुष्पगिरी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर से एमबीबीएस की डिग्री पूरी की। उनके पास पैथोलॉजी में डीएनबी की डिग्री भी है।