गोरखपुर। लैंगिक आधारित भेदभाव, हिंसा और असमानता के खिलाफ कार्य करने वाली संस्था ” मेरा रंग ” ने 15 दिसंबर को होटल विवेक में ” पूर्वांचल में फेमिनिज्म ” विषय पर चर्चा अयोजित की। चर्चा में स्त्रीवादी व आलोचक प्रोफेसर सुजाता , चारु चौधरी (उपाध्यक्ष राज्य महिला आयोग), मीना सिंह (प्रदेश महासचिव अखिल भारतीय प्रगतिशील महीला संगठन) , प्रोफेसर सुनीता मुर्मू (प्रोफेसर गोरखपुर विश्विद्यालय), डॉ रीना श्रीवास्तव (चिकित्सक एवं सामाजिक कार्यकर्ता) , देवयानी आभा (प्रधानाध्यापिका– पैसिफिक कॉलेज ऑफ नर्सिंग) ने पूर्वांचल में फेमिनिज्म की स्थिति, आवश्यकता और यहां फेमिनिज्म की चुनौतियों पर विस्तार से बाते रखी । इस दौरान उपस्थित श्रोताओं द्वारा पूछे जा रहे सवालों के जवाब भी दिए गए ।
चर्चा में स्त्रीवादी आलोचक प्रोफ़ेसर सुजाता ने कहा कि फेमिनिज्म समाज में महिलाओं के लिए उस सब कुछ को चाहता है जो पुरुष अपने लिए चाहता है। फेमिनिज्म आदमी और औरत के बीच की लड़ाई नहीं बल्कि एक रूढ़िवादी सामाजिक ढ़ांचे के ख़िलाफ़ है जो महिलाओं के आजाद सोच को दबाता और उन्हें गुलाम बनाए रखता है , उन्होंने कहा कि ढांचे से केवल महिलाएं ही पीड़ित नहीं है बल्कि यह दुनियां के हर कमजोर को बलशाली द्वारा दबाने तक विस्तारित है। उन्होंने कहा कि महिलाएं रिश्तों में बराबरी न खोजे बल्कि बराबर होकर रिश्ते में जाएं। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल ही नहीं बल्कि पूरे भारत में महिला मंदिर में देवी की तरह पूजनीय है लेकिन महिला का सवाल करना बर्दाश्त नहीं है। उन्होंने महिलाओं के लिए राजनीतिक आरक्षण के सवाल पर कहा कि संसद पहुंचने से पहले महिलाओं को पितृसत्तात्मक सोच से आजाद होना होगा, पितृसत्ता से बंधी महिलाएं संसद जाकर क्या ही नया करेंगी।
प्रोफेसर सुनीता मुर्मू ने कहा कि पितृसत्ता का भाव केवल पुरुषों में हो ये जरूरी नहीं महिलाएं भी पितृसत्तात्मक सोच की बड़ी पोषक है । महिलाएं भी पितृसत्तात्मक व्यवस्था को श्रेष्ठ समझते हुए उसे अपने पाल्यों व आधीनों पर थोपती है। इस मानसिकता से बाहर आना होगा ।
अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला संगठन की प्रदेश महासचिव मीना सिंह कहा कि बीएचयू, हाथरस जैसी घटनाएं बताती है कि हम कैंपस और अपने घरों में भी सुरक्षित नहीं है, और असुरक्षा के इस माहौल पर सवाल उठाए बिना फेमिनिजम पर बात करना बेमानी है। उन्होंने कहा कि समाज में महिलाओं के आज़ाद और निर्भिक योगदान को सत्ता समर्थन देने के बजाय यह तय करने में लगी है कि हम महिलाएं कहा बाल कटवाए, कहा कपड़े सिलवाएं और किस जिम में जाए।
उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग उपाध्यक्ष चारु चौधरी ने पूर्वांचल में महिलाओं के सशक्तीकरण में सरकार की भूमिका के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि केवल सरकारी योजनाओं से काम नहीं चलेगा जब तक आधी आबादी अपने अधिकारों को लेकर अपनी सोच नही बदलेंगी तब तक लैंगिक समानता के प्रयास नाकाफी होंगे। उन्होंने कहा सरकारी योजनाए बहुत हैं पर इसका लाभ लेने के लिए महिलाओ का शिक्षित होना जरूरी है, उन्होंने जागरूक और शिक्षित महिलाओं से अपील की कि वे अन्य महिलाओं को जागरूक करें।
पीरियड के दौरान अवकाश के सवाल पर डॉ रीना श्रीवास्तव ने कहा कि यह जरूरी नहीं सबको दर्द हो। यदि दर्द होता है पीरियड्स के लिए एक दिन की छुट्टी कॉफी नहीं है। उन्होंने कहा कि इसका दुरूपयोग होगा। प्रोफेसर सुजाता ने इस पर आपत्ति करते हुए कहा कि दुरूपयोग का मामला सामने रखकर ही कई आवश्यक कानून नहीं बन पाए। उन्होंने कहा कि कानून बनाने के पीछे समाज के अंतिम व्यक्ति तक उसका हक अधिकार पहुंचना है। उन्होंने कहा एक पीड़ित के लिए बनी योजना से यदि 10 अन्य भी बेवजह सुविधाएं ले लेते है तो इसे आधार बनाकर पीड़ित के लिए योजनाएं न बनाना अन्याय है।
गर्भपात करने के अधिकार के सवाल पर डॉ० रीना श्रीवास्तव ने बताया कि गर्भपात के कई जायज कारण हो सकते है जैसे शारीरिक स्थिति, स्वास्थ, जननी की सुरक्षा, उसकी मानसिक स्थिति इत्यादि ऐसे कारण है जिले नाते महिलाएं गर्भपात करवाती रही है, जब तक यह वैध नहीं था तब तक चोरी से छुपकर हो रहे गर्भपात असुरक्षित और जानलेवा होते थे, इसलिए इसे वैध किया गया, महिलाएं उपयुक्त कारण से वैध तरीके से गर्भपात करवा सकती है। यह अधिकार महिला सशक्तीकरण में मील का पत्थर है ।
सवाल-जवाब के सत्र में महिला श्रोताओं ने जीवन साथी चुनने, आधी आबादी के लिए आरक्षण आदि सवाल उठाएं।
मंच का संचालन कर रही देवयानी आभा अपने सवालों और टिप्पणियों से चर्चा को सही दिशा देती रहीं।
कार्यक्रम के आरंभ में शोभा पांडे ने स्वागत भाषण कर लोगों का अभिवादन किया। पौधे भेंटकर अतिथियों का सम्मान किया गया।
मेरा रंग की संस्थापक अध्यक्ष शालिनी सिंह श्रीनेत ने संस्था का परिचय देते हुए लैंगिक समानता, महिला सशक्तिकरण व महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में बताया।
पूर्वांचल सेना के अध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने धन्यवाद ज्ञापित किया ।