बलिया। राष्ट्रीय समानता दल बेल्थरा रोड बलिया के कैम्प कार्यालय पर 25 जनवरी को भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर का जन्म दिवस पर ” जननायक कर्पूरी ठाकुर की विचार चेतना ” पर परिचर्चा का आयोजन किया गया।
परिचर्चा में राष्ट्रीय समानता दल के प्रदेश अध्यक्ष संजय दीप कुशवाहा ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर समावेशी राजनीति के जननायक थे। उन्होंने अपने मुख्यमंत्री काल में शिक्षा के दायरे को बढ़ाने के लिए हाई स्कूल से अंग्रेजी की अनिवार्यता को समाप्त किया और शुल्क मुक्त शिक्षा का प्रावधान लागू किया। इससे आम आदमी के अंदर शिक्षा प्राप्त करने की अभिलाषा जागृत हो गई। शोषित, वंचित और गरीब समाज के लोग भी उच्च शिक्षा में आसानी से भागीदारी करने लगे। वास्तव में जननायक कर्पूरी ठाकुर सामाजिक न्याय के महायोद्धा थे।
राष्ट्रीय समानता दल के जिलाध्यक्ष सीताराम प्रधान ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर नौ बार विधायक और एक बार सांसद निर्वाचित हुए।बिहार की राजनीति में अजेय नेता के रूप में पहचाने जाते थे। नेतृत्व क्षमता और सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता ने उन्हें अद्वितीय नेता के रूप में स्थापित किया।
राष्ट्रीय समानता दल बलिया के मुख्य महासचिव उपेंद्र मौर्य ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर ने 1977 के मुख्यमंत्री काल में अतिपिछड़े वर्ग के लिए 12%, पिछड़े वर्ग के लिए 8% , सभी वर्ग की महिलाओं के लिए तीन प्रतिशत तथा श्रवण गरीब समाज के लिए तीन प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान लागू किया।
पूर्व प्रधान चंद्रशेखर ने कहा कि स्वतंत्र भारत में पहली बार महिलाओं और सामान्य वर्ग के गरीब लोगों के लिए जननायक कर्पूरी ठाकुर ने आरक्षण लागू किया। यह एक ऐतिहासिक कदम था। ब्लॉक अध्यक्ष प्रेमचंद वर्मा ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर की नीतियां सामाजिक संरचना में वंचित अदृश्य और बिखरे हुए तबको को अवसर प्रदान करती हैं। शशांक वर्मा ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने सामाजिक न्याय के प्रावधानों को लागू कर वंचित समाज को मुख्य धारा में लाने का काम किया।
कार्यक्रम का संचालन कार्यालय सचिव अभय कुमार ने किया। कार्यक्रम में राम जी शर्मा, नंदलाल वर्मा, दीनदयाल राजभर, दिनेश मौर्य, हरिंद्र वर्मा, जनकदेव वर्मा, ओमकार कुमार, भानुप्रताप यादव, सुशील मौर्य, अमरसेन मौर्य, जनार्दन वर्मा, कांशीनाथ वर्मा, भंते शिल्पाल इत्यादि लोगों ने भाग लिया।